Bewafa Status
अपना था तभी तो तनहा छोड़ गया, गैर होता तो शायद वफ़ा करता.
जब से तू दगा कर गया है, तब से मुझे अपनी परछाई से भी डर लगता है.
अक्सर लोगों की वफ़ा तब तक होती है, जब तक कोई मतलब होता है.
डूबी है मेरी उंगलियाँ मेरे ही खून में, ये काँच के टुकड़ो पर भरोसे की सज़ा है.
वफ़ा की उम्मीद करू भी तो किससे करूँ मैं, मुझे तो मेरी जिन्दगी भी एक बेवफा ही लगती है.
वपूरी रात रोती रही बरसात भी मेरे संग, तू तो बेवफ़ा है तुझे सोने से फुर्सत कहाँ है.
सुन बेवफा अपना दिल निकालती हूँ मैं, तूम फिर एक बार फरेब से निशाना लगाना.
अभी भी बाकी है कुछ उम्मीदें उनसे, जो मेरी सारी उम्मीदें तोड़कर चले गए.
तुझपे तो चाहतों की इन्तेहा की थी मैंने, बता तुझे किसी और का होने की जरुरत क्या थी.
खुश तो वो रहते है जो जिस्मों से मोहब्बत करते है, रूह से मोहब्बत करने वालों को अक्सर तड़पते ही देखा है.
हाँ वो शख्स झूठा ही लगता है अब, जो कहता है तुम्हारा साथ नहीं छोड़ेंगे.
कितनी भी सच्ची मोहब्बत कर लो, बेवफा लोग साथ छोड़ ही देते है.
सोच रहा हूँ की मुझे वफ़ा करने पर ऐसी सज़ा मिल रही है, तो उस बेवफ़ा का क्या होगा जिसने मुझे मिट्टी में मिलाया है.
मैंने देखा है तुझे गैरों से दिल लगाते हुए, मेरे यकीन की कश्तिया यूँ ही तो नहीं डूबी.
ना रखो किसीसे मोहब्बत की उम्मीद ऐ दोस्तों, ख़ुदा की कसम लोग खूबसूरत बहुत है पर वफ़ादार नहीं.
ए बेवफा कोई सुलह करा दे, मुजे आज बड़ी तलब लगी है मुस्कुराने की.
जा पगली जी ले अपनी जिन्दगी, मैं मोहब्बत का राजा हूँ जो गद्दारों के मुह नहीं लगता.
जनाजा देखकर मेरा वो बेवफा बोल पड़ी, वही मरा है ना जो मुझ पर मरता था.
ना जाने वो लोग कैसे होते है, जो किसीसे वफ़ा किया करते है.
किस हक़ से मांगू अपने हिस्से का वक्त तुमसे, क्यूंकि ना ये मेरा है और ना ही तुम मेरे हो.
एक बार भूल से ही कहा होता की हम किसी और के भी है, खुदा कसम हम तेरे साये से भी दूर रहते.
कोई जब दगा देता है किसीको, तो तुम्हारी याद और भी आती है.
पिंजरे में कैद करो या हमारे पर काटो ए बेवफा, हम तो तुम्हारे जाल में फसे हुए परिंदे की तरह है.
मुझको छोड़ने की वजह तो बता देते, मुझसे नाराज थे या मुझ जैसे हजारों थे.
लाश पता नहीं किस बदकिस्मत की थी, मगर क़ातिल के पैरो के निशान बड़े हसीन थे.
सिर्फ तुम्हें चाहा और हद से ज्यादा चाहा, बस यही वजह बनी जिन्दगी बरबाद करने की.
हर कोई तेरे आशियाने का पता पूछता है, न जाने किस किस से वफा के वादे किये है तूने.
क्या ज़रुरत थी चोट-ए-बेवफाई की, नादान दिल झूठे वादों में ही खुश था.
फिर एक दिन ऐसा भी आया जिन्दगी में, की मैंने तेरा नाम सुनकर मुस्कुराना छोड़ दिया.
उसने,ना जाने किस कालेज से ली थी मोहब्बत की डिग्री की मुझसे किये सारे वादे फर्जी निकले .
उन्हें इश्क़ हुआ था, मुझे आज भी है.
तुम बेवफा होकर भी कितने अच्छे लगते हो, रब जाने तुम में वफा होती तो क्या होता.
क्या थी,उसने मुझसे पूछा की तुम्हारी सबसे बड़ी गलतफहमी मैंने कहा की तुमसे वफ़ा की उम्मीद करना.
चलो ये जिन्दगी भी तुम्हारे नाम करते है, सूना है बेवफा की बेवफा से खूब बनती है.
इजाज़त हो तो तेरे चहेरे को देख लूँ जी भर के, मुद्दतों से इन आँखों ने कोई बेवफा नहीं देखा.
बहोत ख़ामोशी से टूट गया, वो एक भरोसा जो तुझपे था.
आजकल मंदिर में भी नहीं दिखती हो, क्या खुदा भी बदल लिया है तूने.
दर्द उस खंजर से नहीं हुआ जो मेरी पीठ में लगा, दर्द तब हुआ जब खंजर वाले हाथ को देखा.
मुद्दतें हो गयी है तुमसे वफ़ा करते हुए, शर्म सी आती है अब तो तेरे लिए दुआ करते हुए.
हो सके तो वक्त पे लौट आना ए बेवफा, वरना मेरी साँसो की जगह मेरी राख मिलेगी.
कितने आसान लफ्जों मे कह गई मुझे, सिर्फ दिल ही तोड़ा है कौन-सी जान ले ली तेरी.
तेरी हजार गलतियाँ माफ़ है, लेकिन बेवफाई एक भी नहीं.
बेवफा भी नहीं कह सकते उस ज़ालिम को, प्यार तो हमने किया है वो तो बेक़सूर था.
ऐ बेवफा चल एकबार देख पीछे मुड़कर, मैं जरा देख तो लु की वो इश्क ही था या सिर्फ एक धोखा.
डर रहा हूँ आजकल मैं वफाओं से, लेकिन इसका ये मतलब तो नहीं की हम बेवफा है.
मिटा दे उसकी तस्वीर मेरी आँखों से ऐ खुदा, अब तो वो मुझे ख्वाबों में भी अच्छी नहीं लगती.
क्या मिला उस बेवफा को हमसे नाता तोड़ कर, आज खुद भी तनहा फिर रहा है हमको तनहा छोड़ कर.
उस बेवफा ने फ़िर से सलाम भेजा है, उसकी फिर किसीसे बिगड़ गयी होगी.
डूबी है मेरी उंगलिया खुद अपने लहू में, ये कांच के टुकडो को उठाने की सजा है.
तुम मत करो रातों को जागने की कोशिश, बेवफा हो तुमसे नहीं होगा.
पिछले बरस था खौफ तुझे खो ना दूँ, अब के बरस दुआ है तेरा सामना ना हो.
तराजू मोहब्बत का था, बेवफाई भारी पड गयी.
तुझे क्या फर्क पड़ेगा मुझसे बिछड़ने से, सच्ची मोहब्बत तो मेरी है तेरी नहीं.
मोहब्बत में हर चीज़ कबूल थी तेरी यारा, बस तेरी मोहब्बत का बंटवारा हमसे देखा न गया.
लाख कसमें ले लो किसीसे, छोड़ने वाले छोड़ ही जाते है.
हम आपसे थोडा गुस्से क्या हुए, आप तो सच में बेवफा हो गए.
सोचती हूँ अब खुद पर ही लगा दूँ इल्जाम, दिल मानता ही नहीं की तुम बेवफा थे.
तेरी तरह ये ढलता हुवा सुरज भी, हर रोज बेवफाई कर जाता है अपने उजाले से.
तुम चाहे बेवफा ही सही, पर आज भी तुम्हारे दर्द से मुझे दर्द होता है.
तेरी ना हो सकी तो मर जाउंगी मैं, कितना खुबसूरत वो झूठ बोलती थी.
कोई उम्मीद नहीं थी उनसे वफ़ा की हमें, बस एक जिद थी की दिल टूटे तो उनके हाथों से.
जिस पर भी यकीन करो वही छोड़ने की सोचता है, ना जाने दुनिया वालों को वफ़ा अच्छी क्यूँ नहीं लगती.
मोहब्बत के ख्वाब जितने मरजी सजा लो तुम, बेवफाई एक झटके में सबको चकनाचूर कर देगी.
मत रखो वफ़ा की उमीद दोस्तो इन हुस्न की तितलिओ से, एक फूल छोड़कर दूसरे फूल पर बैठना इनकी फितरत होती है.
लिखा जो खत हमने वफा के पते पर, डाकिया भी मर गया शहर ढूंढते ढूंढ़ते.
तुमने मुझे छोङ दिया चलो कोई बात नहीं, लेकिन जिसके लिए मुझे छोड़ा है उसे कभी मत छोड़ना.
जनाजा उठा है आज कसमों का मेरी, एक कंधा तो तेरे वादों का भी होना चाहिए.
हमें बेवफा बोलने वाले तू भी सुन ले आज, जिनकी फितरत बेवफाई होती है उनके साथ कब वफ़ा होती है.
कितना लुफ्त ले रहे है लोग मेरे इश्क का, बेवफा देख तूने तो मेरा तमाशा बना दिया.
मेरे शिकवों पे उसने हंस कर कहा, किसने की थी वफ़ा जो हम कर.
पहले जो मुझे अपना खुदा माना करती थी, आज किसी और को अपनी ज़िंदगी बनाए बैठी है.
अब किसी और के वास्ते ही सही, तेरे मुस्कुराने के अंदाज़ वैसे ही है.
इतनी शिद्दत से उसने की है बेवफ़ाई, अब टूटना तो मेरे दिल का फर्ज़ बनता है.
अपनी वफ़ा का इतना दावा ना किया कर, मैंने रूह को जिस्म से बेवफाई करते देखा है.
मेरी वफ़ाओं का मुझको सिला वो क्या देगी, मैं जानता हूँ की मजबूरियाँ गिना देगी.
मेरे क़दम भी रुक गये उसके माथे पर सिंदूर देख कर, उसने भी देखो यारों अपनी कार का शीशा चढ़ा लिया.
आंखे बंद करके चलाना खंजर मुझ पर, कहीं मैं मुस्कराया तो तुम पहले मर जाओगे.
ना जाने मेरी मौत कैसी होगी, पर ये तो तय है की तेरी बेवफाई से तो बेहतर होगी.
डालना अपने हाथों से कफन मेरी लाश पर, की तेरे दिए जखमों के तोहफे कोई और ना देख ले.
उन्हे याद तो हम भी आते ही होंगे, वफाओं का जब कहीं जिक्र होता होगा.
कोई ऐसा कानून भी बना दो दोस्तों, की जो बेवफा हो जाए उसे कोई ना अपनाए.
दूर गगन में उड़ कर भी लौट आते है, परिंदे इंसान की तरह बेवफ़ा नहीं होते.
जिनकी फितरत में हो धोखा देना, वो लोग चाहकर भी बदल नहीं सकते.
चलो ये जिन्दगी भी अब तुम्हारे नाम करते है, सूना है बेवफा की बेवफा से खूब बनती है.
कोई तुझसा ही तुझको मिले, वास्ता हमको इंतकाम से नहीं अब.
उसको बेवफा कहकर अपनी ही नजर में गिर जाते है.
हम, वो प्यार भी अपना था और वो पसंद भी अपनी थी.
जब निकले मेरा जनाजा तो खिड़की से झांक लेना, फूल तो बहुत महंगा पड़ेगा पत्थर तो मार देना.
जो लड़कियां प्यार में बेवफा निकलती है, वो अक्सर अपने माँ बाप की वफादार होती है.
मुझे गम नहीं तेरी बेवफाई का, मैं मायूस हूँ बस अपनी वफ़ा से.
उसे तो नफ़रत थी बेवफा लोगों से, फिर कैसे अब खुद को संभाल रहा होगा वो.
कहीं तुम भी न बन जाना पन्ना किसी किताब का, लोग बडे गौर से पढ़ते है किस्से बेवफाओं के.
वो बेवफा अपनी ज़िंदगी में हुआ मशरूफ इतना, वो किस-किस को भूल गया उसे यह भी याद नहीं.
शर्त भी अजीब रख दी उस बेवफा ने मिलने की, सूखे पत्तों पर चल कर आना और आवाज भी ना हो.
इतना ही गुरुर है तो मुकाबला इश्क से कर ऐ बेवफा, हुस्न पर क्या इतराना जो मेहमान है कुछ दिन का.
एक चेहरा पड़ा मिला आज रास्ते पर मुझे, ज़रूर किरदार बदलते वक़्त उसीका गिरा होगा.
समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से, अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर इनकी ज़रूरत पड़ेगी.
कोई बात नहीं गर तेरे लाख गुनाह हो, पर गुनाह ए बेवफाई काबिल ए माफ़ी नहीं.
कभी देखा है अंधे को किसीका हाथ पकड़कर चलते हुए, इस कदर मैंने मोहब्बत में तुझ पर भरोसा किया था.
तुम्हें छोड़ दूं तो मर ना जाऊँ, कुछ इस तरह के थे वादे उस बेवफा के.
धोखा देना हर लड़की का काम होता है, मजबूरी तो बस छुपाने का नाम होता है.
जब किया हमने सवाल ए वफा तो वो मुस्करा के बोले, हमने मोहब्बत ही कब की थी जो तुमसे वफा करते.
हमें तो कबसे पता था की तू बेवफ़ा है, तुझे चाहा इसलिए की शायद तेरी फितरत बदल जाये.
तुम्ही ने लगा दिया इल्जाम ए बेवफाई मुझ पर, मेरे पास तो वफ़ा के गवाह भी सिर्फ तुम ही तो थे.
Bewafa Status In Hindi
कुछ अलग ही करना है तो वफ़ा करो ए दोस्त, वरना मज़बूरी का नाम लेकर बेवफाई तो सभी करते ही है.
वफ़ा करनी भी सीखो इश्क़ की नगरी में ए दोस्त, फ़क़त यूँ दिल लगाने से दिलों में घर नहीं बनते.
कैसे रखता मैं उस परिंदे को अपने दिल के पिंजरे में, उस बेवफा का तो शौक ही था डालियाँ बदलने का.
बनाई थी झोपड़ी मैंने भी इश्क की, तेरी बेवफाई की तेज बाढ़ ने उसे भी खंडन कर दिया.
नहीं चाहिए कुछ भी तेरी इश्क़ की दूकान से, हर चीज में मिलावट है बेवफाई की.
एक आरज़ू थी तेरे साथ जिंदगी गुजारने की, पर तेरी तरह मेरी तो ख्वाहिशें भी बेवफा निकली.
किसी को इतना भी न चाहो की भुला न सको, क्यूंकि ज़िंदगी, इन्सान और मोहब्बत तीनों बेवफा है.
वादा दोनो ने किया जीना मरना साथ, कहीं जिस्म नीला हुआ कहीं पीले हाथ.
नाता हम दोनों का टूटा ही कब था, बस तूने ही कहीं और दिल लगा लिया.
ये कमबख्त दिल ही मेरा इश्क करने के काबिल नहीं, वरना मुजसे दिल लगा कर कोइ बेवफा क्यों हो जाता.
कब तक तेरी बेवफ़ाई को हादसा समझू, तूने तो शहर में मेरा तमाशा बना रखा है.
वो मुझे भूल गई कोई गम नहीं है उसका, मुझको दुःख है की मेरी जिन्दगी का चिराग थी वो.
अगर दिल तोङने पर ईनाम मिलते तो, मेरी मेहबूबा मालामाल होती.
आओ तुम्हे बिठा लूं फिर से इस दिल में, तू बेवफा है तो क्या हुआ, मेरी मोहब्बत भी तो है.
हम बेवफा है ये ऐलान कर देते है, चल तेरे काम को हम आसान कर देते है.
दिल रो रहा है मगर होंठ मुस्कुरा रहे है, उस बेवफ़ा के प्यार को हम आज भी निभा रहे है.
मैंने उसे मेरे सच्चे प्यार में खुदा माना था, और उस बेवफा ने मेरे खुदा की तौहीन कर दी.
बहुत दिन हो गये मोहब्बत लफ्ज सुनकर, आज बेवफा सुना तो तुम याद आ गये.
ताजमहल को बनाना तो हमें भी आ गया है अब, कोई एक मुठ्ठी वफ़ा अगर ला दे तो हम काम शुरू करें.
मैं फिर से कर लूँगा मोहब्बत तुमसे, एक बात बताओ की इसबार वफ़ा कितने दिन तक करोगे .
वो जिनकी आँखों में चमकते थे वफ़ा के मोती, यकिन मानो वो आँखे भी आज बेवफा निकली.
बेवफा होने की हजारों मजबूरियां गिना दी उसने, काश वफ़ा करने की भी कोई मज़बूरी होती.
दर्द क्या होता है वो बेवफा क्या जाने, उसे तो हर कदम पर वफा ही मिलती है.
बेवफा तेरा मासुम चेहरा भुल जाने के काबिल नहीं, है मगर तु बहुत खुबसुरत पर दिल लगाने के काबिल नहीं.
मेरे और तुम्हारे नजरिये में इतना फ़र्क़ था, तुम्हे वक़्त गुजारना था और मुझे ज़िन्दगी.
बेवफा हो गयी वो मेरे करीब होते ही, ऐ खुदा क्या गरीब इसांन वफा नहीं करता .
हम तो इन्तेजार करते करते अब मर जायेंगे, कोइ तो आये एसा जिन्दगी में जो बेवफा ना हो.
कौन सी स्याही और कौन सी कलम से लिखता होगा, जब वो खुदा किसी के नसीब में एक वेवफा लिखता होगा.
वो मेरा वहम था की वो मेरा हमसफ़र है, वो चलता तो मेरे साथ था लेकिन किसी और के लिए.
प्यार था, मोहब्बत थी, इश्क़ था और अदा थी, वफ़ा भी होती तो क़यामत था वो शख़्स.
सोच की अगर मैं तेरी तरह होता तो, तु कब की खुदकुशी कर गई होती.
कर सकता था मैं भी मोहब्बत तुमसे, पर सोचा की हसीन हो तो बेवफा भी होगी ही.
मत गिरा अपने झूठे इश्क के आंसू मेरे जनाज़े पर,अगर तुझमे वफ़ा होती तो हम ज़िन्दगी से बेवफा न होते ,,,,,
सुना है आग लग गयी है बेवफाओं की बस्ती में, या खुदा मेरे मेहबुब की खैर रखना ,,,,,
दिल भर ही गया है तो मना करने में डर कैसा, मोहब्बत में बेवफओ पर कोई मुकदमा थोड़ी ना होता है.
कोई नहीं याद करता वफ़ा करने वालों को, मेरी मानो तो बेवफ़ा हो जाओ ज़माना याद रखेगा ,,,,,.
जिस कदर तुमने भुला रखा है कभी सोचना, हम सब छोड़कर निकले थे एक तेरी मोहब्बत के लिये.
मैं गलत था शायद, आखिर था भी पहला प्यार, वो सही ही होगी, उसे पहले भी हुआ था कई बार.
भुला देंगे तुम्हे भी जरा सब्र तो कीजिये, आपकी तरह मतलबी होने में जरा वक्त लगेगा .
वजह पूछी जो गिरगिट से उसकी उदासी की मैंने, तो बोला की मैं शर्त हार गया हूँ तेरे महबूब से रंग बदलने में,.
अच्छा हुआ जो छोड़ दिया तुमने अपना बनाकर, भूल गई थी की और भी है चाहने वाले मेरे.
ऐ दोस्तों अपने जले हुए दिल की राख लेकर आया हूँ, ताबीज़ बना के रख लो ताकी कोई वेबफा से मुलाकात न हो.
तोङ दिये है मैंने अपने घर के सभी आईने, नफरत है मुझे उनसे जो तुझसे मोहब्बत करते है.
मुझे मालूम है की मैं उसके बिना ज़ी नहीं सकता, उसका भी यही हाल है मगर किसी और के लिए.
उस आशिक़ की मौत भी क्या मौत होगी, जो मर गया किसी बेवफा पे मरते मरते.
नहीं जानती क्या रिश्ता है तुझसे मेरा ऐ बेवफा, मन्नतों के हर धागे में एक गाँठ तेरे नाम की बाँधता हूँ मैं.
ना रोया कर सारी-सारी रात किसी बेवफा की याद में, वो खुश है अपनी दुनिया में तेरी दुनिया उजाड़ कर.
दिल भर गया हो तो मना करने में डर कैसा, मोहब्बत में बेवफाओं पर कहाँ मुकदमा होता है.
बदनसीब मैं हूँ या तू है ये तो वक़्त ही बतायेगा, बस इतना कहता हूँ की अब कभी लौट कर मत आना .
काश की कयामत के दिन हिसाब हो सब बेबफाओ का, और वो मुझसे लिपट कर कहे की मेरा नाम मत लेना.
खता उनकी भी नहीं यारो वो भी क्या करते, बहुत चाहने वाले थे किस किस से वफ़ा करते.
आज तक तूने जितने भी झूठ बोले उन में से, मैं सिर्फ तेरी हूँ ये line मेरी सबसे favourite है.
ना जाने किस कालेज से ली थी मोहब्बत की डिग्री उसने, की मुझसे किये सारे वादे फर्जी निकले.
आज भी दिल का हर एक कोना, तेरी मोहब्बत के वादो से भरा पङा है .
ना रोया कर सारी-सारी रात किसी बेवफा की याद में, वो खुश है अपनी दुनिया में तेरी दुनिया उजाड़ कर.
वफ़ा हम उनसे कुछ इस तरह निभाया करते थे, वो क़त्ल की सोचते थे मेरा और हम खंजर तोहफे में दिया करते थे.
इज़ाज़त हो तो कुछ अर्ज करूँ, खेल चुके हो तो दिल वापस कर दो.
दिल तो कहता है की छोड जाऊँ ये दुनिया हंमेशा के लिए, फिर ख्याल आता है की वो नफरत किससे करेगा मेरे जाने बाद.
मुझे मालुम है वह किसी और की हो गई है यारो, लेकिन इस दिल का क्या करे जो उसी बेवफा पे मरता है.
आता नहीं ख़याल अब अपना भी ऐ यारों, एक बेवफ़ा की याद ने सब कुछ भुला दिया.
हम गरीब लोग है किसी को मोहब्बत के सिवा क्या देंगे, एक मुस्कराहट थी वो भी बेवफ़ा लोगो ने छीन ली.
बेवफा लोग बढ़ रहे है धीरे धीरे, एक शहर अब इनका भी होना चाहिए.
जब मैंने कहा तुम्हारी जुदाई बर्बाद कर देगी मुझे, तो उसने बड़े तल्ख लहजे में कहा की बर्बाद हज़ारो है एक तुम भी सही.
खुदा ने पूछा क्या सजा दूँ उस बेफ़वा को, दिल से आवाज़ आई की मोहब्बत हो जाये उसे भी.
ये तेरा वहम है की हम तुम्हे भूल जायेंगे, वो शहर तेरा होगा जहाँ बेवफा लोग बसा करते है.
जो हर किसी पे मर जाए, वो मर ही जाए तो अच्छा है.
कुछ लोग इतने गरीब होते है की, देने के लिए कुछ नहीं होता तो धोखा दे देते है.
मोहब्बत भी चाहते हो और मुक्म्म्ल वफ़ा भी, जनाब आप तो धुंए के बादलों से बरसात माँग रहे हो .
जानता था की वो धोखा देगी एक दिन पर चुप रहा, क्यूंकि उसके धोखे में जी सकता हूँ पर उसके बिना नहीं.
मेरी तलाश का है जुर्म या मेरी वफ़ा का कसूर, जो दिल के करीब आया बही बेवफा निकला .
बहुत दिन हो गऐ मोहब्बत लफ्ज सुनकर, कल बेवफा सुना तो तुम याद आ गये.
वो बेवफा है तो बुरा ना कहो उसे, किसी और से प्यार कर लो और दफ़ा करो उसे.
ये उनकी मोहब्बत का नया दौर है, जहाँ था कल तक मैं वहाँ आज कोई और है.
तुझे तो प्यार कभी था ही नहीं ऐ बेवफा, तूने तो अपनी तन्हायी दुर करने के लिये हमे तन्हा कर दिया.
मोहब्बत करके क्या पाया मैंने, वो कल मेरी थी आज किसी और की हो गई.
किसी को इतना मत चाहो की भुलाना सको, जिंदगी, इन्सान और मोहब्बत तीनो बेवफा होते है.
अफसोस इस बात का नहीं की बेवफाई मीली मुझ को,अफसोस इस बात का है की तुम भी बेवफा मीली मुझ को.
काश की कोई हमारा भी वफादार यार होता, सीना तान के चलते बेवफाओ की गलियों में.
मौसम की तरह बदलते है उस के वादे, उपर से ये ज़िद की तुम मुझ पे एतबार करो.
लोग मुझसे सिर्फ नफ़रत ही कर सकते है क्यूंकि, प्यार मैं जिससे बेशुमार करती थी, वफ़ा तो उसने भी नहीं की मुझसे.
चलो तोड़ते है आज ज़िंदगी के सारे उसूल अपने, अब के बरस बेवफाई और दगाबाजी दोनों हम करेंगे.
तेरा इश्क भी बिहार के चुनाव जैसा था पगली, हवा इधर की थी रुझान उधर का निकला.
कया हुआ जो जिन्दगी बर्बाद कर दी, जीना भी तो उसी ने ही सिखाया था कभी.
ले लो वापस ये आँसू ये तड़प और ये यादें सारी, नहीं हो तुम अगर मेरे तो फिर ये सजाएँ कैसी.
बहुत दर्द देती है ये मोहब्बत ऐ खुदा, तू बेवफाओं की अलग दुनिया बना दे तेरी तो फितरत थी सबसे मुहब्बत करने की, हमने बेवजह ही खुद को खुशनसीब समझा.
टुकड़े पड़े थे राह में किसी हसीना की तस्वीर के, लगता है कोई दीवाना आज समझदार हो गया.
मिल जाएगा हम को भी कोई न कोई टुट के चाहने वाला, अब सारा का सारा शहर तो बेवफा नहीं हो सकता,,,,,
एक छोटे से सवाल पर इतनी खामोशी… बस इतना ही तो पुछा है की कभी वफ़ा की है किसी से,,,,,
मुझसे नफरत करनी है तो बेशक कर, पर कमबख्त उतनी तो कर जितनी मैंने मोहब्बत की थी,,,,,
कैसे करूं मुकदमा उस पर उसकी बेवफाई का, कमबख्त ये दिल भी उसी का वकील निकला,,,,,
मिलता ही नही तुम्हारे जैसा कोई और इस शहर में,हमे क्या मालूम था की तुम एक हो और वो भी किसी और के.
उसे याद आयेगी जिस दिन मेरी मोहब्बत, वो रोयेगा बहोत फिर से मेरा होने के लिये.
कबका छोड़ दिया हमने लोगों के पीछे चलना, जिससे जितनी मोहब्बत की उसने उतना गिरा हुआ समझा हमे,,,,,
वो कहते है भुला देना पुरानी बातों को, कोई समझाए उन्हे की ईश्क कभी पुराना नहीं होता,,,,,
बडी देर कर दी मेरा दिल तोडने में, न जाने कितने शायर आगे चले गये.
उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा, दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है.
हम भी वकालत करते थे मोहब्बत वालो की,, एक बेवफा का केस आया और हम खुद कटघरे में खड़े हो गए.
इतना ऐतबार तो अपनी धड़कनो पर भी हमने ना किया, जितना उस बेवफा की बातों पर करते थे .
नब्ज कांटी तो खून लाल ही निकला, सोचा था सबकी तरह ये भी बदल गया होगा.
बहुत खूबसूरत है ना वहम ये मेरा, की तुम जहाँ भी हो सिर्फ मेरे होर.
जो करते है मोहब्बत सूरत देख कर, वो करते है वफा जरूरत देख करररर.
आज रास्ते में कुछ प्यार भरे पन्ने टुकड़ो में मिले, शायद फिर किसी गरीब की मोहब्बत का तमाशा हो गया.
वो कहानी थी जो चलती रही, मैं किस्सा था जो खत्म हुआ.
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छोड़ दिया हमने उसका दीदार करना हमेशा के लिए, जिसको प्यार की कदर ना हो उसे मुड़ मुड़ के क्या देखना .
बताओ ना कैसे भुलाऊँ तुम्हे, तुम तो वाक़िफ़ हो इस हुनर से.
तेरी तलाश में निकलू तो भी क्या फायदा तू बदल गई है, खो गई होती तो अलग बात थी.
ऐ दिल तड़पना बंद कर, अब तू रातों को सोता क्यूँ नही, वो भी किसी का हो गया, तू भी किसी का होता क्यूँ नहीं.
नहीं चाहिए कुछ भी तेरे इश्क़ की दूकान से, हर चीज में मिलावट है बेवफाई की ,,,,,
इतनी मुश्किल भी ना थी राह मेरी मोहब्बत की, कुछ ज़माना खिलाफ हुआ, कुछ वो बेवफा हो गए.
इतने बुरे ना थे जो ठुकरा दिया तुमने हमे, तेरे अपने फैसले पर एक दिन तुझे भी अफसोस होगा .
अब तुझसे शिकायत करना मेरे हक मे नहीं, क्योंकि तू आरजू मेरी थी पर अमानत शायद किसी और की.
तू वो ज़ालिम है जो दिल में रहकर भी मेरा न बन सका, और दिल वो काफिर है जो मुझ में रहकर भी तेरा हो गया.
इश्क़ अऔर तबीयत का क्या भरोसा जनाब, मिज़ाज से दोनो ही दगाबाज़ है .
बहुत दिनों से ख्वाहिश है की किसी दिन वो आए और कहे, बंद करो ये रोना, लो लौट आया मैं तुम्हारे लिए.
तेरी तलाश में निकलू तो भी क्या फायदा तू बदल गई है, खो गई होती तो अलग बात थी.
शक तो था मोहब्बत में नुक़सान होगा, पर सारा हमारा ही होगा ये मालूम न था.
हमने भी कभी चाहा था एक ऐसे शख्स को, जो आइने से भी नाजुक था मगर था पत्थर का.
संवर रही है अब वो किसी और के लिए, पर मैं बिखर रहा हूँ आज भी उसी के लिए.
कहने लगी है अब मेरी तनहाई भी मुझसे, मुझसे ही इश्क कर लो मैं तो बेवफा भी नही हूँ .
जान थी वो मेरी, और जान तो एक दिन चली ही जाती है ना .
चल कोई बात नहीं… तू जो मेरे साथ नहीं, मैं रो पडू तेरे जाने के बाद, इतनी भी तेरी औकात नहीं.
तुम्हारे बाद बस इतना हुआ है, मैं अब खिड़की से बारिश देखता हूँ .
अब गिला क्या करना उनकी बेरुखी का, दिल ही तो था……… भर गया होगा.
गुजर गया वक्त जब हम तुम्हारे तलबगार थे, अब जिंदगी बन जाओ तो भी हम कबूल नहीं करेंगे.
उनकी दुनिया में हम जैसे हजारो है, हम ही पागल है जो उसे पाकर मगरूर हो गए.
बदनाम क्यों करते हो तुम इश्क़ को ए दुनिया वालो, मेहबूब तुम्हारा बेवफा है तो इश्क़ का क्या कसूर.
अब मायूस क्यूँ है उसकी बेवफाई से ए दोस्त, तुम ही तो कहते थे की वो जुदा है सबसे.
मैं बोता रहा बन्जर ज़मीन पर इश्क के बीज, और तेरा हर वादा सरकार का मुआवजा निकला.
गुमराह करते तो हम भी आरजू होते किसी की, ख़ता यही हुई की दिल को खोल के रख दिया.
एक उम्र हुई मैं तो हंसी भूल चुका हूँ, तुम अब भी मेरे दिल को दुखाना नहीं भूले.
मै खुश हूँ की उसकी नफ़रत का अकेला वारिस हूँ, वरना मोहब्बत तो उसे कई लोगो से है.
सब्र रखो बहूत जल्द ही महसूस होगा तुम्हे, मेरा होना क्या था और मेरा ना होना क्या है.
मजा चख लेने दो उसे गैरों की मोहब्बत का भी, इतनी चाहत के बाद जो मेरा न हुआ वो औरों का क्या होगा.
खाए है लाखों धोखे, एक और सह लेंगे, तू ले जा अपनी डोली, हम अपने जनाजे को बारात कह लेंगे .
ये सोचकर मैने उस से दवा नही मांगी, की दर्द दिया जिसने वो दवा क्यूं देगा.
उसका प्यार भी क्या कमाल का था, धोखा भी खुद देती है और इलज़ाम भी खुद ही लगाती है.
हमने उतार दिये है तेरी मोहब्बत के सभी क़र्ज, अब हिसाब तेरे दिये हुये जख्मो का होगा.
यूँ मत तड़पा Online दिखा के, अब छोड़ ही दिया है तो Block भी कर दे.
परिन्दों की फ़ितरत से आए थे वो मेरे दिल में, ज़रा पंख निकल आए तो आशियाना छोड दिया.
क्यों वफा ढूंढते हो बेगानों की बस्ती में, वो देखो बेवफा जा रही है कितनी मस्ती में.
तन्हाइयों का दिल में एक काफिला हुआ, तेरे मेरे दरम्यान जब ये फांसला हुआ.
दुश्मन सामने आने से भी डरते थे, और वो पगली दिल से खेल के चली गई.
मोहब्बत तो पूरी हो गई, चलो अब ज़ख़्म गिनते है.
इश्क लफ्ज़ ही अधूरा सा है, बेवफा पूरा सा है .
हमें पता था की तुम्हारी मोहब्बत के जाम में ज़हर है, लेकिन पिलाने में प्यार इतना था की हम ठुकरा ना सके.
बेवफा लोगो को हम से बेहतर कौन जानेगा, हम तो वो दीवाने है, जिन्हे किसी की नफरत से भी प्यार था.
बेशक तू बदल ले अपनी मोहब्बत लेकिन ये याद रखना, तेरे हर झूठ को सच मेरे सिवा कोई नहीं समझ सकता .
मैं फ़ना हो गया अफ़सोस वो बदला भी नहीं, मेरी चाहतों से भी अच्छी रही नफरत उसकी.
मेरी मौत की खबर उसे ना देना मेरे दोस्तो, घबराहट होती है की कहीं पागल ना हो जाये वो इस खुशी में .
मेरे दील की हालत भी मेरे वतन जैसी है, जीसको दी हुकुमत उसी ने बर्बाद किया.
अजीब लड़की थी वो, जिन्दगी बदलकर खुद भी बदल ग.
आजा की अब लाश तेरी गलियों से गुज़र रही है, देखो मरने के बाद भी हमने रास्ता नही बदला.
कुछ नहीं चाहिए था हमे तुमसे, एक रिश्ता भी निभा नहीं पाये तुम.
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चलो ये भी अच्छा हुआ हम उन्हे हासिल ना कर सके, अगर वो मेरा होके बिछडता तो कयामत होती .
बड़ी दूर चले आए थे तेरे झूठे वादों को सच्चा मान, मोहब्बत के पंखों से दिखाउंगा अब तुझे मैं नफरत की उड़ान.
सुना है नफरत की दुकान खोल रहे हो, थोडी मोहब्बत भी रख लेना दिखावे के लिये.
मोहब्बत सच्ची हो और सनम बेवफा ना हो, यारों ! कहानी कुछ अधूरी-सी लगती है.
मैंने हीरे की तरह उसको तराशा तो बहोत, मगर वो जात की पत्थर थी और पत्थर ही रही.
तेरी हालत से लगता है तेरा अपना था कोई, वरना इतनी सादगी से बरबाद कोई गैर नहीं करता .
मेरा प्यार सच्चा था इसलिए तेरी याद आती है, अगर तेरी बेवफाई भी सच्ची है तो अब यादों में मत आना.
इतने बुरे ना थे जो ठुकरा दिया तुमने हमे, तेरे अपने फैसले पर एक दिन तुझे भी अफसोस होगा.
ऐ दिल सो जा अब तेरी शायरी पढ़ने वाली, किसी और शायर की गजल बन गयी है.
फरेबी भी हूँ, ज़िद्दी भी हूँ और पत्थर दिल भी हूँ, मासूमियत खो दी है मैंने वफ़ा करते-करते.
उन पंछियों को कैद में रखना आदत नहीं हमारी, जो हमारे दिल के पिंजरे में रहकर गैरो के साथ उड़ने का शौक रखते हो.
अच्छा हुआ तुने ठुकरा दिया, तेरा प्यार चाहिए था एहसान नहीं.
हमने दिल वापस मांगा तो वो सर झुका कर बोली, वो तो टूट गया खेलते खेल.
वक्त पर न जा वक्त तो हर ज़ख्म की दवा है, आज तुमने हमे भुला दिया, कल तुझे भी कोई भुला देगा .
हमारे दुश्मनों को हमारे सामने सर उठाने की हिम्मत नहीं, और वो पगली दिल से खेलकर चली गयी.
पलट कर भी नई देखी तेरी बे-रूखी हमने, भुला देंगे तुजे ऐसे की तु भी याद रखेगी.
जिस पर हम मर मिटे, उसने हमें मिटा दिया, वाह क्या खूब उसने मोहब्बत का सिला दिया.
मौसम की मिसाल दू या तुम्हारी, कोई पूछ बैठा है की बदलना किसे कहते है .
ढूँढ रहे हो मुझसे दूर जाने के बहाने, सोचता हूँ दुनिया छोड़ कर तेरी मुश्किल आसान कर दूँ.
वो सुना रहे थे अपनी वफाओ के किस्से, हम पर नज़र पड़ी तो खामोश हो गए.
कुछ ठोकरो के बाद नजाकत आ गई मुझ में, मैं अब दिल के मशवरों पे भरोसा नहीं करता.
प्यार नही तो नफरत ही सही, कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते है.
गम इस बात का नहीं है की तुम बेवफा निकले, अफ़सोस इस बात का है, की वो लोग सच्चे निकले, जिनसे में तुम्हारे लिए लड़ा करता था .
ये इश्क भी क्या चीज़ है ग़ालिब.. एक वो है जो धोखा दिए जाते है, और एक हम है जो मौका दिए जाते हैं .
सब शायर खामोश है ऐसे, किसी बेवफा ने ज़हर दे दिया हो जैसे.
मैं मर जाऊ और मिले मेरा हमदम तो उससे कह देना, बिना तेरी मोहब्बत के वो पागल जी नही पाया.
सोचा था हम ही हम है उसके दिल में, गौर किया तो खुद को लम्बी कतार में पाया.
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कई रिश्तों को परखा तो नतीजा एक ही निकला, जरूरत ही सब कुछ है, मोहब्बत कुछ नहीं होती.
जिंदा हूँ तब तक तो हालचाल पुछ लिया करो, मरने के बाद हम भी आजाद तुम भी आजाद.
डूबी है मेरी उंगलिया खुद अपने लहू में, ये कांच के टुकडो को उठाने की सजा .
तुमने भी उस वक्त बेवफाई की, जब यकीन आखिरी मुकाम पर था .
उनकी नज़रो में फर्क अब भी नही है, पहले मुड़ के देखते थे और अब देख के मुड़ जाते है.
आओ फिर से दोहराएं अपनी कहानी, मैं तुम्हे बेपनाह चाहूँगा और तुम मुझे बेवज़ह छोड़ जाना.
बहुत भीड़ हो गयी है तेरे दिल में, अच्छा हुआ की हम वक़्त पर निकल गए.
बेवफाओ की इस दुनिया में संभलकर चलना मेरे दोस्तो, यहाँ बर्बाद करने के लिए मोहब्बत का भी सहारा लेते है लोग .
मुझे मरना कबूल है तेरी जुदाई नहीं, बस उसके कहे एक यही लब्ज ने मुझे बर्बाद कर दिया.
आखिर तुम भी आइना ही निकले, जो सामने आया उसी का हो लिए.
ज़िक्र बेवफाओ का था, रात सर-ए-महफ़िल में, झुका मेरा भी सर जब मेरे यार का नाम आया.
आरजू तेरी बरक़रार रहे, दिल का क्या है रहे न रहे .
तेरी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की, हम तो बेवजह खुद को खुशनसीब समझने लगे.
ये तेरा वहम है की हम तुम्हे भूल जायेगे, वो शहर तेरा होगा, जहाँ बेवफा लोग बसा करते है.
गलत कहते है लोग की संगत का असर होता है, वो बरसो मेरे साथ ही रही मगर फिर भी बेवफा निकली.
चेहरे की हँसी और सब बातें उसकी झूठी थी, गये तो थे मरहम को, इक घाव और बढ़ा बै.
अच्छा सुनो मुझे बस इतना बता दो, इंतजार करू या बदल जाऊ तुम्हारी तरह .
अच्छा किया जो तोड़ दिया तुमने दिल मेरा, इसको भी बहुत गुरुर था तुम्हारे प्यार पे.
मैंने पूछा उनसे की भुला दिया मुझको कैसे चुटकियाँ बजा के वो बोली… ऐसे, ऐसे, ऐसे .
उन्हे बेफ्वा कहूँ तो तोहीन होगी वफा की, वो वफा निभा तो रहे है कभी इधर कभी उधर.
हम तो जल गए तेरी मोहब्बत में मोम की तरह, अगर फिर भी हम बेवफा है तो तेरी वफ़ा को सलाम .
बेवफाओ की महफ़िल लगेगी, आज ज़रा व्क़्त पर आना, मेहमान-ए-खास हो तुम .
तूने ही लगा दिया इलज़ाम-ए-बेवफाई, मेरे पास तो चश्मदीद गवाह भी तु ही थी.
कोशिश भी मत करना मुझे संभालने की अब तुम, बेहिसाब टूटा हूँ, जी भर के बिखर जाने दो मुझे .
तू मेरे जनाजे को कन्धा ना देना, जिन्दा ना हो जाऊ फिर कही तेरा सहारा देख कर ,,,,,
ना पूछ मेरे सब्र की इन्तहा कहाँ तक है, तू सितम कर ले तेरी ताक़त जहाँ तक .
जमाना वफादार नहीं तो फिर क्या हुआ, धोखेबाज भी तो हमेशा अपने ही होते है.
अगर हो इजाज़त तो तुमसे एक बात पूछ लूँ, वो जो इश्क हमसे सीखा था, अब किससे करते हो.
हम तो तैयार है हर सजा के लिए, और क्या कहू उस बेवफा के लिए .
उंगलियां आज भी बोझिल है गुनाहों से, तूने थामा था किसी दिन इसे आगे बढ़ के.
बेवफा लोगो को हमसे बेहतर कोन जानेगा, हम तो जले हुए कागजों से भी अल्फाज़ पढ़ लिया करते है.
फ़िक्र तो तेरी आज भी करते है, बस जिक्र करने का हक़ नहीं रहा .
मोहब्बत किसे कहते है मुझे नहीं मालूम, ये वो रिश्ता है जो मेरा उससे और उसका किसी और से है.
वो शक्श एक छोटी सी बात पे यूँ रूठ कर चल दिया, जैसे उसे सदियो से किसी बहाने की तलाश थी .
ज़माना वफ़ादार नहीं तो क्या हुआ, बेवफा भी तो अक़्सर अपने ही हुआ करते है.
धोखा देने के लिए शुक्रिया पगली की, तुम ना मिलती तो दुनिया समझ में ना आती .
जाते वक्त बहोत गुरूर से कहा था उसने की तुम जैसे हजार मिलेंगे, मैंने मुस्कुरा कर कहा की मुझ जैसे की ही तलाश क्यों.
गलत कहते है लोग की सगंत का असर होता है, वो बरसों मेरे साथ रही फिर भी बेवफ़ा निकली यारो .
मुझे मालूम है मैं उसके बिना जी नहीं सकती, उसका भी यही हाल है मगर किसी और के लिये .
लिख कर क्या करें हम अपने दिल की दास्ताँ, उस बेवफा को तो हमारी हर बात झुठी लगती है.
अगर इतनी नफरत है मुझसे तो कोई ऐसी दुआ कर, जिससे तेरी दुआ भी पूरी हो जाऐ और मेरी जिन्दगी भी.
तुम बेवफा नहीं यह तो धड़कनें भी कहती हैं, अपनी मजबूरियों का एक पैगाम तो भेज देते.
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आज अजीब सी ख्वाहिश उठी है मन में. कोई मुझे टूट कर चाहे और मैं बेवफा निकलूँ.
बस यही सोच कर तूझसे मोहब्बत करता हूँ की, मेरा तो कोई नही मगर तेरा तो कोई हो.
तुम तो मुझे रुलाकर दूर चले गये, मैं किससे पूछें मेरी खता क्या है.
तूने हमें छोड़ दिया कोई बात नहीं, हम दुआ करेंगे की कोई तुझे ना छोड़े किसी और के लिए.
हो सके तो दूर रहो मुझसे, टूटा हुआ हूँ चुभ जाऊँगा.
कल उसका फोन आया ओर बहुत अकड़ के बोली, भूल जाना मुझे, मैंने भी कह दिया की कौन बोल रही हो तुम.
अगर मोहब्बत नहीं थी तो बता दिया होता, तेरे एक चुप ने मेरी ज़िन्दगी तबाह कर दी.
हर किसी की जिंदगी का एक ही मकसद है, खुद भले हो बेवफा लेकिन तलाश वफा की है .
कितने दर्दनाक थे वो मंज़र, जब हम बिछड़े थे, उसने कहा था जीना भी नहीं और रोना भी नहीं.
बहोत खुबसूरत होती है एक तरफ़ा मोहब्बत भी, कम से कम कोई बेवफा तो नहीं कहलाता है .
दोस्तो ! किसी ने मेरा दिल तोड़ा है, अब आप ही बताओ जान दूँ या जाने दूँ.
तेरे इश्क का सुरूर था जो खुद को बर्बाद किया, वरना दुनिया मेरी भी दीवानी थी.
एक दूसरे से बिछड़ के हम कितने रंगीले हो गये, मेरी आँखें लाल हो गयी और तेरे हाथ पीले हो गए.