Good Morning Status in English
गिला शिकवा तो बस साँसें चलने तक होता है, 456 बाद में तो आँख में आँसूं और दिल में पछतावा रह जाता है !!
457 कदर नहीं है आज भी तुझे मेरी इस चाहत की, सिर्फ खुदा ही जानता है इंतिहा मेरी इबादत की !!
458 ओ आँख चुरा के जाने वाले, हम भी थे कभी तेरी नज़रों में !!
459
प्यार से भी तो रह सकते थे ना हम, नफरतें तो पहेले ही बहोत थी इस दुनिया में !!
460 हम जो ना होंगे, तो बहोत याद करोगे !!
451
21
बहोत नाराज हो शायद जो हम को इस तरह भूल बैठे हो, ना ये पूछा की कैसे हो और ना ये की हो भी या नहीं !!
452
चलो माना तुम्हारी आदत है तडपाना, मगर जरा सोचो अगर कोई मर गया तो !!
453
बोल नहीं रहा इसका मतलब ये नहीं की भूल गया हूँ मैं, मुझे ये देखना है की तुझे मेरी याद कितनी आती है !!
454
बहोत अलग सा है मेरे शब्दों का हाल, एक तेरी खामोशी और मेरे लाखों सवाल !!
455
मेरी चाहत को दिल्लगी कहने वालों, कभी तुम भी इसी के लिए तरसोगे !!
गिला शिकवा तो बस साँसें चलने तक होता है, 456 बाद में तो आँख में आँसूं और दिल में पछतावा रह जाता है !!
457 कदर नहीं है आज भी तुझे मेरी इस चाहत की, सिर्फ खुदा ही जानता है इंतिहा मेरी इबादत की !!
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458
ओ आँख चुरा के जाने वाले, हम भी थे कभी तेरी नज़रों में !!
459
प्यार से भी तो रह सकते थे ना हम, नफरतें तो पहेले ही बहोत थी इस दुनिया में !!
460
हम जो ना होंगे, तो बहोत याद करोगे !!
451
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बहोत नाराज हो शायद जो हम को इस तरह भूल बैठे हो, ना ये पूछा की कैसे हो और ना ये की हो भी या नहीं !!
452
चलो माना तुम्हारी आदत है तडपाना, मगर जरा सोचो अगर कोई मर गया तो !!
453
बोल नहीं रहा इसका मतलब ये नहीं की भूल गया हूँ मैं, मुझे ये देखना है की तुझे मेरी याद कितनी आती है !!
454
बहोत अलग सा है मेरे शब्दों का हाल, एक तेरी खामोशी और मेरे लाखों सवाल !!
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455
मेरी चाहत को दिल्लगी कहने वालों, कभी तुम भी इसी के लिए तरसोगे !!
446 इसलिये चुप हूँ की बात और न बढ़ जाये कहीं, वरना सच ये है की कुछ गिला तुमसे है तो सही !!
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447 काश हमारी जिंदगी में कोई ऐसा फ़रिश्ता होता, जो आपकी जिन्दगी में हमें लिख देता !!
448 लोगों की बातें सुनकर मुझे छोड़कर जाने वाले, हम कितने बुरे थे तुम पता तो कर लेते !!
449 मुझे फर्क नहीं पडता की तुम मेरे हो या नहीं, लेकिन ये बताओ की जहाँ हो ठीक हो या नहीं !!
450 अब आ गए हो आप तो आता नहीं कुछ याद, वरना कुछ हम को आप से कहना ज़रूर था !!
441
21
तुम्हें मालुम था ना की मैं तुम बिन जी नहीं सकती, काश मेरे मजबूत होने तक तो तू मेरा साथ देता !!
442 उम्र के आखरी पड़ाव तक तुझे भूलूंगा तो नहीं, लेकिन तुझसे खफा भी रहूँगा उसी पड़ाव तक !!
443 उसके लिए प्यार सिर्फ एक खेल था, वो जीत गए और हम हार गए !!
444
रो रो कर उसने कहा मुझे नफरत है तुमसे, अगर नफरत ही थी तो फिर वो इतना रोये क्यूँ !!
445
तेरी तलब में जला डाले सारे आशियाने, कहाँ रहूँ मैं तेरे दिल में घर बनने तक !!
शिकायत खुद से भी है और खुदा से भी, 436 जो मिलता है वो मंजूर नहीं और जिसे चाहो वो हाँसिल नहीं !!
437 फैंसला ये है की अब आवाज नहीं देनी किसीको, हम भी देखे कौन कितना तलबगार है हमारा !!
438
मेरी गलती सामने आयी तो जज बन गए, तुम्हारी गलती सामने आयी तो वकील बन गए !!
439 बात करे तो लगता है वो सिर्फ मेरा है, और ना करे तो लगता है जैसे जानता ही नहीं !!
440
रखने को तो रखते है ख़बर सारे जहाँ की, एक मेरे ही दिल की वो ख़बर नहीं रखते !!
431 अब किसीसे भी शिकायत ना रही, जाने किस किस से गिला था पहले !!
432 इतना भी नजरअंदाज मत करो मुझे, की मैं तुम्हें भूलने पे मजबूर हो जाऊं !!
433 कोई तो ऐसी बात करो, जिससे लगे की तुम मेरी हो !!
434 आँख से आँख मिला बातें बनाता क्यूँ है, तू अगर मुझसे है खफा तो छिपाता क्यूँ है !!
435 हम अल्फाजों के इंतजार में थे, उन्होंने खामोशी से वार कर दिया !!
426 तुझे कितना कहा था की मुझे अपना ना बना, अब मुझे छोड़ के दुनिया में तमाशा ना बना !!
427 बरसो बाद तेरे करीब से गुज़रे, जो न संभलते तो गुज़र ही जाते !!
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428
मुह फेरना क्या तेरा धोखा नहीं था, मिलना बिछड़ना तो मुकद्दर की बात थी !!
हम तो इतने बेबस है की रूठ भी नहीं सकते, 429 क्यूंकि मनाना तो दूर की बात है फिर शायद वो भूल ही जायेंगे !!
430
तू मेरे साथ होगा तो क्या कहेगा जमाना, मेरी यही एक तमन्ना और तेरा यही एक बहाना !!
421 आँखें थक गई है शायद आसमान को तकते तकते, वो तारा नहीं टूटता जिसे देखकर मैं तुम्हें मांग लूँ !!
422 तुम नाराज हो जाओ, रूठो या खफा हो जाओ, पर बात इतनी भी ना बिगाड़ो की तुम जुदा हो जाओ !!
423 जिसके साथ चलते हो हजारों हँसाने वाले, एक मेरे होने ना होने से क्या फर्क पड़ेगा उसे !!
424 वो दिन जल्दी क्यूँ नहीं गुजरता, जिस दिन तेरे से बात नहीं होती !!
425 खुद को माफ़ नहीं कर पाओगे, जिस दिन जिंदगी में हमारी कमी पाओगे !!
416 बस यही ना की तड़पकर गुजर जाएगा दिन, तुम याद नहीं करोगे तो कौन सी नहीं होगी शाम !!
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417 एक मैं हूँ जिसे लहेरों की तरह चैन नहीं, एक वो है जो खामोश समंदर की तरह है !!
418 मैं ख़ामोश हूँ तो क्या हुआ, तू भी तो कभी आवाज़ दे !!
419 काश आइना कुछ लोगों को, उनके चहेरे के साथ औकात भी दिखा देता !!
420 नज़र अंदाज़ करने की वज़ह क्या है बता भी दो, मैं वही हूँ जिसे तुम दुनिया से बेहतर बताती थी !!
411
21
मैं नफरत के काबिल अगर हूँ तो मुझे छोड़ दे, पर मुझसे यूँ दिखावे की मोहब्बत ना किया कर !!
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मुझे तेरे काफ़िले में चलने का कोई शौक नहीं, 412 मगर तेरे साथ कोई और चले ये मुझे अच्छा नहीं लगता !!
413
वो कह गये थे की अब कभी न आएँगे, रात को सपनों में आये थे झूठे कहीं के !!
414
दूध में केसर सी तेरी आँखों की रंगत, ये बताती है तुम भी रात भर नहीं सोये !!
415
उदासियों का ये मौसम बदल भी सकता था, वो चलता तो मेरे साथ चल भी सकता था !!
406
21
काश पानी की छींटे मारने से, चेहरे की उदासियाँ धुल जाया करती !!
407
अगर तुम्हें पा लेते तो किस्सा इसी जन्म में खत्म हो
जाता,
तुम्हे खोया है तो यक़ीनन कहानी लम्बी चलेगी !!
408
आँखों को भी वही चीज पसंद आती है, जो हमारी किस्मत में ही नहीं होती !!
409
तुम्हें भी वक्त की चौखट पे नींद आ ही गई, पलट के तुम भी ना आई मेरी खुशियों की तरह !!
410
उस पगले को कभी मेरी मोहब्बत नजर नहीं आएगी, जिसके लिए अपने माँ-बाप तक से झूठ बोल लेती हूँ मैं !!
401 चल ना यार हम फिर से मिट्टी से खेलते है, हमारी उम्र क्या थी जो मोहब्बत से खेल बैठे !!
402 शिकवे आँखों से गिरा करेंगे अब, होठों से शिकायत करके शर्मिन्दा है हम !!
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403 शिकायत जिंदगी से नहीं है, उससे है जो जिंदगी में नहीं है !!
404 बात इतनी है की तुम बहोत दूर होते जा रहे हो, और हद ये है की तुम ये मानते भी नहीं !!
405 कुछ शिकवें ऐसे भी है, जो खुद ही किये और खुद ही सुने !!
396 काश ये वक्त मेरे बस में होता, तो मैं गुजरने ही ना देती तुझसे मुलाक़ात के लम्हें !!
397 बहुत नजदीक होकर भी वो इतना दूर है मुझसे, इशारा हो नहीं सकता और पुकारा भी नहीं जाता !!
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398 उसको फुरसत नहीं है दुनिया से, वो एक शख्स जो मेरी दुनिया है !!
399 तू मेरे साथ होगा तो क्या कहेगा जमाना, मेरी यही एक तमन्ना और तेरा यही एक बहाना !!
400 सूना है प्यार में लोग जान तक दे देते है, पर जो लोग वक्त नहीं देते वो जान कहाँ से देंगे !!
391
22
कल मिला वक़्त तो जुल्फें तेरी सुलझा दूँगा, आज उलझा हूँ ज़रा वक़्त को सुलझाने में !!
392
प्यास अगर मेरी बुझा दे तो तुझे मानु मैं, वरना तू समंदर भी हो तो मेरे किस काम का !!
393
याद है तुमसे बात करने में, अक्सर सारी रात गुजर जाती थी ?
394
हम पूरा दिन ऑनलाइन रहकर उनका #wait करते है, और वो सोचते है की हम किसी ओर से बात कर रहे है !!
395
मैं तो इस वास्ते चुप हूँ की तमाशा ना बने, तू समझता है की मुझे तुझसे गिला कुछ भी नहीं !!
386 कुछ दिन से ज़िंदगी मुझे पहचानती नहीं, यूँ देखती है जैसे मुझे जानती नहीं !!
387 सुनो तुम यूँ हमसे खफा ना हुआ करो, पता है ना की हम कुछ भी नहीं तुम्हारे बिना !!
388 तेरी बातों में लाख मिठाश सही, पर जहर सा लगता है तेरा किसी और से बात करना !!
389 रोज मिलते है लेकिन कुछ कहते सुनते नहीं, मेरे सामने वो सिर्फ मेरी धड़कन बढ़ाने आते है !!
390 रात से शिकायत क्या बस तुम्हीं से कहना है, तुम ज़रा ठहर जाओ ना रात कब ठहरती है !!
381
22
तुम मुझे हँसी हँसी में खो तो दोगे, पर याद रखना फिर अपने आँसूं में ढूंढोगे !!
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382 मेरे उदास होने पर वो कभी बात नहीं करते थे, खुद मायूस होते तो साथ मुझे भी कर देते थे !!
383
तेरी महफ़िल और मेरी आँखें, दोनो सदा ही भरी-भरी क्यूँ रहती है !!
384
तू मेरी सोच है जान, कोई और तुझे सोचे क्यूँ ?
मार दो जान से पर ऐसी सजा मत दो, 385 की तुम हमारे सामने बैठी रहो किसी अजनबी की तरह !!
क्यूँ खेलते हो तुम हमसे मोहब्बत का खेल, 376 बात बात में रूठ तुम जाते हो और टूटकर बिखर हम जाते है !!
377 तुम ज़िन्दगी की छोड़ो और अपनी बात करो, उससे भी कहीं ज्यादा तुमने सताया है मुझे !!
378 मेरी तक़दीर मेरे साथ नहीं, वरना सारा दिन तुझे बाहो में बसा के रखता !!
379 नज़र के सामने रहना और नज़र नहीं आना, तुम्हारे सिवा ये हुनर किसीको नहीं आता !!
380
हर बार इल्ज़ाम हम पर लगाना अच्छा नहीं, वफ़ा खुद से होती नहीं और खफ़ा हमसे हो जाते हो !!
371 एक बार गले मिलकर रोने जो दिया होता, एक पल तो मोहब्बत को मैंने भी जिया होता !!
372 रुक रुक के लोग देख रहे है मेरी तरफ, तुमने जरा सी बात को अखबार बना दिया !!
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373 तुम्हारे साथ चलते है हजारों चाहने वाले, मेरे होने या ना होने से क्या फर्क पड़ता है !!
374 इन होंठो की भी न जाने क्या मजबूरी होती है, वही बात छुपाते है जो कहनी जरुरी होती है !!
375 मुझसे खुशनसीब है मेरे लिखे ये लफ्ज, जिनको कुछ देर तक पढेगी तेरी निगाहें !!
366 मेरी नींद हराम करने वाले, अब तेरे ख्वाब कौन देखेगा !!
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367 मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी है शोर भी है, तूने देखा ही नहीं आँखों में कुछ और भी है !!
368 मेरा दिल कैसे उदास ना हो यारों, वो # Online तो है मगर गैरों के लिए !!
शिकवा तो ऐसे करते है, 369 जैसे हम ही नसीब लिखते है !!
370
काश अपनी भी ऐसी ही एक रात आती, मैं देखता उसका ख्वाब और वह सच में आ जाती !!
366 मेरी नींद हराम करने वाले, अब तेरे ख्वाब कौन देखेगा !!
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367 मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी है शोर भी है, तूने देखा ही नहीं आँखों में कुछ और भी है !!
368 मेरा दिल कैसे उदास ना हो यारों, वो # Online तो है मगर गैरों के लिए !!
शिकवा तो ऐसे करते है, 369 जैसे हम ही नसीब लिखते है !!
370
काश अपनी भी ऐसी ही एक रात आती, मैं देखता उसका ख्वाब और वह सच में आ जाती !!
356
22
हद से बढ़ गया है तेरा नज़र अदाज करना, ऐसा सलुक न करो की हम भुलने पे मजबुर हो जाये !!
357
तुम्हारे नाम के निचे #Online नहीं, #Typing देखने को जी चाहता है !!
358
शिकायत करने से खामोश रहना बेहतर है, क्यूंकि जब किसीको फर्क नहीं पड़ता तो शिकायत कैसी !!
359
तेरे करीब आकर बडी उलझन में हूँ, मैं गैरों में हूँ या तेरे अपनो में हूँ !!
360
बहूत सवाल करती हो तुम, इतना प्यार ही कर लेती तो जवाब मिल जाते !!
351 ये सोचकर उसकी हर बात को सच मान लेते थे, की इतने खुबसूरत लब झूठ कैसे बोल सकते है !!
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352 काश प्यार में भी कुछ कायदे होते, जब भी मैं चाहूँ और तुम मेरे करीब होते !!
353
हमें अच्छा नहीं लगता, तुम्हें कोई और अच्छा लगे !!
354 बहुत शौक है न तुझे बहस का, आ बैठ और बता मोहब्बत क्या है !!
355
ठहर जाते तो शायद मिल जाते हम तुम्हें, इश्क में इन्तजार किया करते है जल्दबाजी नहीं !!
346 हम तो इस वास्ते चुप है की कोई तमासा ना बने, तुम समजते हो की मुझे तुमसे गिला कुछ भी नहीं !!
347 एक पहेली है सुलझाओगे ? मेरे हो या नहीं ये बतलाओगे ?
348 जिन्दगी मिली भी तो है मुझे सिर्फ दो दिन की, ये दो दिन भी बीत रहे है उसको मनाने में !!
349 तुम्हें मालूम ही था की मैं तन्हा नहीं रह सकता, मेरे साथ रुक जाते मेरी आदत बदलने तक !!
350 काश बदल जाये ये वक़्त भी, और उसे जरूरत हो मेरी पहले की तरह !!
341 उधार रहा मुझ पर वो वक़्त तेरा, जब हुआ करता था तुझ पर सिर्फ हक़ मेरा !!
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342
तुम हमें जान पाओ तुम्हें इतनी फुरसत कहाँ थी, और हम तुम्हें भुला पाते इतनी हममें जुररत कहाँ थी !!
आज तो बस साफ़ साफ़ बता दो, मेरा होना है या मुझे खोना है !! 343
344 जितना रूठना है आज रूठ ले पगली, जिस दिन हम रूठ गए… तू जिना भूल जायेगी !!
345 मेरी बेकरारी देखी है तूने कभी सब्र भी देख, मैं इतना खामोश हो जाऊँगी की तू चिल्ला उठेगा !!
336
22
आज उसने एक अजीब सवाल कर दिया मुझसे, मरते तो मुझ पर हो फिर जीते किसके लिए हो !!
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337
ये तेरी आधी अधूरी मोहब्बत मुझे तकलीफ देती है, ना खुद मरती है और ना ही मेरी जान लेती है !!
338
जब रिश्तों में ग़लतफ़हमियाँ बढ़ जाए तो, सच्चा प्यार भी झूठा लगने लगता है !!
339
तरस जाओगे हमारे लबों से सुनने को एक एक लफ्ज, जब हम प्यार की बातें तो क्या शिकायत भी नहीं करेंगे !!
340
क्यूँ कर रहे हो भला तुम बगावत खुद से, मान क्यों नहीं लेते की तुम्हे भी है मोहब्बत मुझसे !!
331
22
बहोत अहेसान है हम पे तुम्हारे, एक और कर देते होकर हमारे !!
332 दामन छुड़ा के आपको जाना ही था अगर, नजरे उठा के प्यार से देखा था किस लिए !!
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333 वो मुझको भूलना चाहते है और मैं भी उनको, ऐ यादों अब भी तुमने आना-जाना क्यूँ लगा रखा है !!
334
मोहब्बत के ये पल जो लगता है तुम्हे सुकून के, बिछड़ने के बाद यही तुम्हारा सुकून छीन लेंगे !!
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335
कभी तो मेरी ख़ामोशी का मतलब खुद समझ लो, कब तक वजह पूछोगे अंजानो की तरह !!
326
22
अंजान अगर हो तो गुज़र क्यूँ नहीं जाते, पहचान रहे हो तो ठहर क्यूँ नहीं जाते !!
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327
अब मैं कोई भी बहाना नहीं सुनने वाला, तुम मेरा प्यार मुझे प्यार से वापस कर दो !!
328
अगर तुम्हे यकीन है तुम्हारे शक पर, तो हमें शक है तुम्हारे यकीन पर !!
329
मेरी जिंदगी के हर किस्से में जब तुम आते हो, सबसे मिलते हो पर मेरे हिस्से में क्यों नहीं आते हो !!
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330
तुमने देखी ही नहीं हमारी फूलों जैसी वफा, हम जिस पर खिलते है उसी पर मुरझा जाते है !!
तेरा आधे मन से बात करना, 321 मुझे पूरा तोड देता है !!
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322 नजरअंदाज उन्हें कर सकू जो नजर के सामने हो, उनका क्या करू जो दिल में छुपे बैठे है !!
323 मेरी फ़ितरत में नहीं था तमाशा करना, बहुत कुछ जानते थे मगर ख़ामोश रहे !!
324 रोज ख्वाबों में जीती हूँ वो जिन्दगी, जो तेरे साथ मैनें हकीकत में सोची थी !!
हर एक बार मना लेते अगर तुम पास होते, 325 हर एक खता की वजह बता देते अगर तुम साथ होती !!
316 मुश्किल का मेरी मुश्किल से उनको यकीन आया, समझे मेरी मुश्किल को लेकिन बड़ी मुश्किल से !!
नहीं है शिकवा तेरी बेरुखी का, शायद मुझे ही तेरे दिल में घर बनाना नहीं आया !! 317
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318 उसके जैसी कोई और कैसे हो सकती है, और अब तो वो खुद भी अपने जैसी नहीं रही !!
319 सामने होते हुए भी तुझसे दूर रहना, बेबसी की इससे बड़ी मिसाल क्या होगी !!
320 रिश्ते टूट न जायें इस डर से बदल लिया है खुद को, अपनी ज़िद से ज्यादा रिश्तों को अहमियत दी है मैंने !!
311 मिलते है बहुत लोग जुबान को समझने वाले, काश कोई मिले जो धड़कनों को समझे !!
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312 क्यूँ नहीं महसूस होती उसे मेरी तकलीफ, जो कहती थी बहोत अच्छे से जानती हूँ तुझे !!
313 एक तू है जिसे परवाह नहीं मेरी, एक मैं हूँ जो परेशान तेरे लिए !!
314 काश कभी यूँ भी हो की बाजी पलट जाए, उसे याद सताए मेरी और मैं सुकून से सो जाऊं !!
315 जिन्दगी तो गुजर ही जाती है, मोहब्बत से गुजरे तो कितनी अच्छी बात है !!
306
22
मेरी किस्मत का भी कोई जवाब नहीं, जो अच्छा लगे वही भूल जाता है !!
307
मत छीन अपना नाम मेरे लब से इस तरह, इस बेनाम जिन्दगी में तेरा नाम ही तो है !!
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308
बेखबर जमाना क्यूँ ऐतबार नहीं करता, तराजु में तौलकर तो कोई प्यार नहीं करता !!
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309
कुछ पल का साथ देकर तुमने, पल पल का मोहताज बना दिया !!
310
कमाल है इश्क़ उसका भी, कहती है तेरी दुल्हन को में अपने हाथो से सजाऊँगी !!
301
22
Complain Status
अकेले ही काटना है मुझे जिन्दगी का सफ़र, पल दो पल साथ रहकर मेरी आदत ख़राब ना कर !!
302
बताओ फ़िर उसे क्यूँ नहीं महेसुस होती बैचेनिया मेरी, जो अक्सर केहती थी की बहुत अच्छे से जानती है वो मुझे !!
इसलिए भी खामोश रहने लगा हूँ मैं आजकल, 303 क्योंकी उस पर मेरी बात का अब कोई असर नहीं होता !!
304
तेरे साथ बिता हुआ कल, भारी है मेरे आज पर !!
305
काश कभी ऐसा भी हुआ होता, मेरी कमी ने तुझको उदास किया होता !!
हम कोई छोटी सी कहानी नहीं थे, 296 बस पन्ने ही जल्दी पलट दिए तुमने !!
297
सूना था ख्वाब अपने होते है, लेकिन ये भी कमबख्त तेरे निकले !!
298
वास्ता नहीं रखना तो नजर क्यूँ रखते हो, किस हाल में हूँ ज़िंदा ये खबर क्यूँ रखते हो !!
299
ना वो मेरी तक़दीर में ना मैं उसकी किस्मत में, फिर भी ना जाने क्यूँ दिल उसे अपना बनाने की सोच में लगा रहता है !!
300
बेपरवाह हो जाते है अक्सर वो लोग, जिन्हे कोई बहुत प्यार करने लगता है !!
291
22
चलो मान लिया की मुझे मोहब्बत करनी नहीं आती, लेकीन ये बतायो तुम्हें दिल तोडना किसने सिखाया !!
292
उसको भी हमसे मुहब्बत हो ज़रूरी तो नहीं, इश्क ही इश्क की किम्मत हो ज़रूरी तो नहीं !!
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293
294
कैसे भूल सकता है कोइ किसीको, जब किसीको किसीकी आदत हो जाती है !!
जैसे परिंदे हंमेशा एक साथ उड़ते है, काश इन्सान भी यूँ ही साथ रहते !!
295
बोला ना की तेरे बिना जी नहीं सकते हम, बस इसी बात का फायदा उठाते हो न तुम !!
चाँद सी सूरत जो रब ने दे दी थी तुमको, 286 काश रौशन मेरी किस्मत का सितारा करते !!
287
देखो ज़माना हो गया मगर मेरी चाहत नहीं बदली, किसीकी ज़िद नहीं बदली मेरी आदत नहीं बदली !!
288
आजकल बहुत नाराज़ रहते हो हमसे, कहीं हमारे मनाने के तरीके से मोहब्बत तो नहीं कर बैठे हो !!
289
उसके जैसी कोई दूसरी कैसे हो सकती है, अब तो वो खुद भी खुद के जैसी नहीं रही !!
290
सजा देना तो मुझे भी आता है, पर उसे तकलीफ पहुंचे ये हमें गँवारा नहीं !!
281
22
तुम्ही से रूठकर तुम्हे ही सोचते रहना, मुझे तो ठीक से नाराज होना भी नहीं आया कभी !!
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282
हद से बढ़ गया है तेरा नज़र अदाज करना, ऐसा सलुक न करो की हम भुलने पे मजबुर हो जाये !!
283
मुझे रुसवा ना कर भरी महफ़िल में, बंद कमरे में चाहे क़त्ल कर दे मेरा !!
284
यही बहुत है की दिल उसको ढूँढ लाया है, किसीके साथ सही वो नज़र तो आया है !!
285
गुरुर-ए-हुस्न की मदहोशी में उनको ये भी खबर नहीं, कौन चाहेगा मेरे सिवा उनको उम्र ढल जाने के बाद !!
276
22
हमने हर बार बदला है खुद को सिर्फ़ उसके लिए, और वो कहता है की तुम पहले जैसे नहीं रहे !!
277 पता नहीं कब जायेगी तेरी लापरवाही की आदत, कुछ तो संभाल कर रखती, मुझे भी खो दिया !!
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278 पगली इतने गुस्से से मत देख मुझे, मैं तुमसे प्यार करता हूँ दुश्मनी नहीं !!
279 इतनी भी मनमानियां अच्छी नहीं, आप सिर्फ अपने ही नहीं हमारे भी हो !!
280
तुम वह हो जिसको हम खोना नहीं चाहते, और हम वोह है जिसके तुम होना नहीं चाहते !!
शिकायत जिन्दगी से नहीं, उनसे है जो जिन्दगी में नहीं है !! 271
272 दुनिया चाँद तक पहुँच गयी और एक मैं हूँ, पता नहीं तुम्हारे दिल तक कब पहुँच पाऊं !!
273 पगली तू भी Freedom 251 की तरह निकली, पसंद तो आ गई पर पता नहीं मिलेंगी भी या नहीं !!
274 मिलते है बहोत लोग जुबान को समझने वाले, काश कोई मिले जो धड़कन को भी समझे !!
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275 सरेआम ये शिकायत है मुझे ज़िन्दगी से, क्यों मिलता नहीं मिजाज मेरा किसी से !!
266
22
तुमने सोचा ही नहीं, की कोई सोचता होगा तुम्हारे बारे में !!
267
यह मेरी सबसे बड़ी तमन्ना थी, काश वो भी मेरे नाम की तरह मेरे होते !!
268
एक तेरे बगैर ही ना गुजरेगी जिन्दगी, बता मैं क्या करू सारे जमाने की मोहब्बत लेकर !!
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तुम तो कहते थे की हर शाम तेरे साथ गुजारेंगे, 269 तुम बदल गए हो या तेरे शहर में अब शाम ही नहीं होती !!
शिकायत करने से खामोश रहना बेहतर है, 270 क्यूंकि जब किसीको फर्क नही पड़ता तो शिकायत कैसी !!
241 काश कैद कर ले वो पगली मुझे अपनी डायरी में, जिसका नाम छिपा होता है मेरी हर शायरी में !!
242 खर्च कर दिया है खुद को पूरा साहब, वो कहता है की अभी हिसाब अधूरा है !!
243
हां मुझे मोहब्बत नहीं आती, तुम्हे आती है तो करते क्युं नहीं !!
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244 हमे पता है की तुम कहीं और के मुसाफिर हो, हमारा शहर तो यूँ ही बिच में आया था !!
245 आज पास हूँ तो क़दर नहीं है तुमको, यक़ीन करो टूट जाओगे तुम मेरे चले जाने से !!
236
22
खामोशी की वजह बार बार पूछ रही थी, वजह बतायी तो खुद खामोश हो गई !!
यूँ तो कोई शिकवा नहीं मुझे अपनी जिंदगी से, 237 मगर तुम मेरे होते तो आज जिंदगी कुछ और ही होती !!
238 सुन मेरी खबर न रखने वाले, फरवरी आ रही है मोहब्बत लेकर !!
239
काश कभी ऐसा भी हुआ होता, मेरी कमी ने तुझे उदास किया होता !!
240
बहाना कोई ना बनाओ तुम मुझसे खफा होने का, तुम्हें चाहने के अलावा कोई गुनाह नहीं है मेरा !!
231
22
किस तरह करे खुद को तेरे प्यार के क़ाबिल हम, हम आदते बदलते है तो तुम शर्ते बदल देते हो !!
232
मेरा झुकना और तेरा खुदा हो जाना, यार अच्छा नहीं इतना बड़ा हो जाना !!
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233
तुम्हारे हर सवाल का जवाब मेरी आँखों में था, और तुम मेरी जुबान खुलने का इन्तेजार करते रहे !!
234
काश तु एक बार तो लगा लेती मुझे अपने सीने से, फिर तो रब अगर जन्नत में जगह देता तो भी मना कर देता !!
235
नाकाम मोहब्बत भी बड़े काम की होती है दोस्तों, दिल मिले ना मिले पर इलज़ाम जरुर मिल जाता है !!
उसने कहा की अगर नसीब हुआ तो हम ज़रूर मिलेंगे, 226 मैंने कहा की अगर हम बदनसीब हुए तो कैसे जी पायेंगे !!
227 कहाँ मिलता है कभी कोई समझने वाला, जो भी मिलता है समझा के चला जाता है !!
228
मुझे नज़र-अदांज करने की एक वजह तो बता, फिर मैं तुझे चाहने की हज़ार वजह बताउँगा !!
E
229
मैं यह नहीं कहता की मेरी खबर पुछो तुम, खुद किस हाल में हो इतना तो बता दिया करो !!
230
तमन्ना तो हरएक पंखुडी को सजा के रखने की थी, पर अफसोस की तुमने कोई फूल दिया ही नहीं !!
मेरी ख़ामोशी से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता, 221 और शिकायत में दो लफ्ज़ भी कह दूँ तो वो चुभ जाते है !!
222 हमने सोचा था की बताएंगे सब दुःख दर्द तुमको, पर तुमने तो इतना भी न पूछा की खामोश क्यों हो !!
223 तुम लिखते रहे मेरे आंसुओ पे ग़ज़ल, अफ़सोस है की ये भी न पूछा रोते क्यों हो !!
E
224 नया नया शौक उन्हे रुठने का लगा है, खुद ही भूल जाते है की रूठे किस बात पे थे !!
वो हाल ना पूछ सके हमें बेहाल देखकर, 225 हम अपने हाल ना बता सके उनको खुशहाल देखकर !!
216 अजब अनदाज है उनका जबाब माँगने का, होठों पर रख के होठ कहते है बोलते क्यूँ नहीं !!
तुम्हारी प्यार भरी निगाहों पर हमें कुछ तो गुमान होता है, देखो ना मुझे इस क़दर मदहोश नज़रों से की दिल बेईमान होता है !! 217
218 मैं उसका हूँ ये राज तो वो जान गई है, वो किसकी है ये सवाल मुझे सोने नहीं देता !!
E
219 मेरे शेर सुन के भी जो खामोश इतनी है, राम ही जाने गुरुर ए हुस्न में मदहोश कितनी है !!
E
220 समझ में नहीं आता की किस पे भरोसा करूं, यहां तो लोग नफ़रत भी करते है मोहब्बत की तरह !!
211
22
इतना भी हमसे नाराज़ मत हुआ करो, बदकिस्मत ज़रूर है हम मगर बेवफा नहीं !!
212 तुमसे अच्छा तो हम चाँद से ही मोहब्बत कर लेते, लाख दूर सही पर नजर तो आता है !!
213
वो रूठ के बोले की तुम्हे सब शिकायत मुझसे ही है, मैंने सर झुका कर कह दिया की मुझे सब उम्मीदे भी तो तुम से ही है !!
214
जरा सी बात पे भिगो देते हो पलकें, तुम्हे तो अपने दिल का हाल बताना भी मुश्किल है !!
215
वो तुम हो जीसे हमने सोंपी है दिल की सभी धड़कने, और तुम हो जो अपना एक पल देने को हज़ार बार सोचते हो !!
201
22
तू वैसी ही है जैसा मैं चाहता हूँ, बस मुझे वैसा बना दे जैसा तू चाहती है !!
E
202 चलो माना की हमें प्यार का इजहार करना नहीं आता जज़्बात ना समझ सको इतने नादान तो तुम भी नहीं !!
203 फिर से ग़लतफ़हमियों में डाल दिया, जाते वक्त मुस्कुराना जरुरी था क्या ?
204 उसे अपना कहने की बड़ी तमन्ना थी दिल में, इससे पहले की बात लबो पर आती वो गैर हो गये !!
205 तिनका तिनका ज़रा ज़रा है रोशनी से जैसे भरा हर दिल में अरमान होते तो है बस कोई समझे ज़रा !!
196
उसकी तरक्कियों की कहानी में मैं भी हूँ, अब देखना ये है की वो सुनाता कहाँ से है !!
197
सुनो तुम दिल दुखाया करो इजाजत है, बस कभी भूलने की बात मत करना !!
198
जो हमे अपनी लाइफ का टाइम पास बनाते रहेते है, दिल भी साला उसके ही पीछे पागल होता है !!
E
199
मुझे तेरी जैसी नहीं मिलेगी ये मुझे पता है, लेकिन तू मेरे भी मेरे जैसा ढूंढ के दिखा तो मैं मानु !!
200
तूने मेरा आज देख के मुझे ठुकराया है, हमने तो तेरा गुजरा कल देख के भी मोहब्बत की थी !!
186
22
हमने ही सिखाया था उसे बाते करना, आज हमारे लिए ही वक्त नहीं है !!
E
187
तुम तो डर गए एक ही कसम से, हमे तो तुम्हारी कसम देकर हजारो ने लुटा है !!
< 188 कोई भी दीवारें मुझे तुमसे मिलने से ना रोक पाती, अगर तू मेरे साथ होती तो !! 189 अब शिकायते तुम से नहीं खुद से है, माना की सारे झूठ तेरे थे लेकिन उन पर यकीन तो मेरा था !! 190 बड़ी नादान है इस निकम्मे दिल की हरकतें, जो मिल गया उसकी कदर नहीं और जो ना मिला उसे भूलता नहीं !! 181 22 मेरे दिल से ज्यादा मतलबी और कौन होगा, जो बिना मतलब के भी बस तुझ से ही प्यार करता है !! E 182 सौ दुशमन बनाए हमने किसी ने कुछ ना कहा, एक को हमसफर क्या बनाया सौ उँगलियाँ उठ गई !! खता इतनी थी की उनको पाने की कोशिश की, 183 अगर छिनने की कोशिश करते तो बेशक वो हमारे होते !! हमे तो प्यार के दो लफ्ज भी नसीब नही हुआ, 184 और बदनाम तो एसे हुए की जैसे इश्क के बादशाह थे हम !! 185 हमारे बाद कभी नही आएगा तुम्हे चाहत का मज़ा, तुम सबसे कहती फिरोगी की हमे चाहो उसकी तरह !! 176 कर ली ना तसल्ली तुमने दिल तोड़कर मेरा, मैने कहा भी था कुछ नही है इसमे तुम्हारे सिवा !! E 177 उसे रास ही ना आया मेरा साथ, वर्ना मैं उसे जीते जी खुदा बना देता !! 178 तबाह हूँ तेरे प्यार में, तुझे दुसरो का खयाल है, मेरे मसले पर गौर कर, जिन्दगी का सवाल है !! 179 शिकायते वहाँ होती है जहाँ ऐतबार ना हो, मेरा तो यकीन ही तुम हो तो शिकायत कैसी !! 180 तुम मौसम की तरह बदल रही हो, मैं फसल की तरह बरबाद हो रहा हूँ !! 166 22 तू होश में थी फिर भी हमें पहचान न पायी, एक हम है की पी कर भी तेरा नाम लेते रहे !! 167 हर शख्स को नफरत झूठ से है, मैं परेशान हु ये सोच कर की फिर ये झूठ बोलता कौन है !! 168 एक वक़्त तक मैं उसकी ज़रूरत बना रहा, फिर यूँ हुआ ली उसकी ज़रूरत बदल गयी !! E 169 कोहराम मचा रखा है मेरी सर्द आहो ने, तेरे दिल का मौसम है जो बदलने का नाम नहीं लेता !! 170 रंगो की बात न करो दोस्तो, मैने लोगो को रंग बदलते देखा है !! 161 23 शिकवा करने गये थे और इबादत सी हो गई, तुझे भुलाने की जीद थी मगर तेरी आदत सी हो गई !! जिन्दगी के किसी मोड़ पे अगर वो लौट आये भी तो 162 क्या, वो लम्हा, वो जज्बात, वो अंदाज तो ना लौटेंगे कभी !! 163 हम ख़ुशबू जैसे लोग है, बस बिखरे-बिखरे रहते है !! 164 किस बात पर मिजाज बदला बदला सा है, शिकायत है हमसे या असर किसी और का है !! ना मोहब्बते संभाली गई, ना ही नफरते पाली गई, 165 है बड़ा अफ़सोस उस जिंदगी का जो तेरे पीछे खाली गई !! 161 23 शिकवा करने गये थे और इबादत सी हो गई, तुझे भुलाने की जीद थी मगर तेरी आदत सी हो गई !! जिन्दगी के किसी मोड़ पे अगर वो लौट आये भी तो 162 क्या, वो लम्हा, वो जज्बात, वो अंदाज तो ना लौटेंगे कभी !! 163 हम ख़ुशबू जैसे लोग है, बस बिखरे-बिखरे रहते है !! 164 किस बात पर मिजाज बदला बदला सा है, शिकायत है हमसे या असर किसी और का है !! ना मोहब्बते संभाली गई, ना ही नफरते पाली गई, 165 है बड़ा अफ़सोस उस जिंदगी का जो तेरे पीछे खाली गई !! 156 कोशिश तो करते थोड़ी, मिलना ना मिलना तो खुदा के हाथ में था !! 157 भुला दिया है सब अपनो ने इस तरह से, जैसे की हम इस जहाँ में रहते ही नहीं !! 158 मेरी खामोशी से नाराज न हो जाना तुम, अक्सर इश्क खामोश कर देता है !! 159 160 लम्हो की दौलत से दोनो महरूम रहे, मुझे चुराना न आया, तुम्हे कमाना न आया !! शिकवा तो बहुत है मगर शिकायत नहीं कर सकता, मेरे होठों को इजाजत नहीं तेरे खिलाफ बोलने की !! 151 इतनी शिकायत, इतनी शर्ते, इतनी पाबन्दी, तुम मोहब्बत कर रहे हो या सौदा कोई !! दिल भी कितना अजीब है यारो, 152 साला रहेता है मेरे सिने में और सोचता है किसी और के लिए !! E 153 ये जरुरी तो नहीं की जिनके दिल में प्यार हो, उनकी किस्मत में भी प्यार हो !! E 154 मैं उससे तूफानो में साथ निभाने की उम्मीद करता रहा, जो निकल ना सकी घर से बारिशों का बहाना करके !! 155 ऐसा नहीं है की हमे बातें बुरी नहीं लगती, एक बस तेरे लिये सारे गुनाह माफ है !! 146 23 लूट लेते है अपने ही वरना गैरों को क्या पता, दिल की दीवार कहाँ से कमजोर है !! 147 कहाँ ये जानते थे की रस्में उल्फ़त कभी यूँ भी निभानी होगी, तुम सामने भी होंगे और हमें नजरें झुकानी होगी !! 148 अगर समझ पाते तुम मेरी चाहत की इन्तहा तो, हम तुमसे नहीं तुम हमसे मोहब्बत करते !! E 149 150 न खुद रहने आते हो और न किसी को रहने देते हो, आखिर खुद आकर आबाद दिल का ये मकान क्यूँ नहीं करते !! छोटी छोटी बातों पर रुलाने की आदत है उसे, और कहते है आँखों में मुझे रखना काजल की तरह !! 141 23 यह जरुरी नहीं मेरी हर बात तुम समझो, मगर जरुरी यह है की तुम मुझे तो समझो !! 142 सुना है काफी पढ़ लिख गई हो तुम, कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते !! 143 चुपके से उसको एक गुलाब भेजा था मगर, खुशबू ने शहर भर में तमाशा बना दिया !! 144 दिल बहलाने के लिये ही गुफ्तुगू कर लिया करो जनाब, मालूम तो मुझे भी है की हम आपको अच्छे नहीं लगते !! E 145 नजर और नसीब के मिलने का इत्तफाक कुछ ऐसा है की, नजर को हंमेशा वही पसंद आता है जो नसीब मे नहीं होता !! 136 काश कुछ अल्फ़ाज़ मुझे लिखने आ जाएँ, ताकि तुम क्या हो मेरे लिए ये हम तुम्हे बता पाएँ !! 137 आज मैंने दिल के जज्बात भेजे, तुमने फिर भी अलफ़ाज़ ही समझे !! 138 सुनो, तुम ही रख लो अपना बना कर, औरों ने तो छोड़ दिया तुम्हारा समझकर !! 139 चलते तो है वो साथ पर अंदाज़ देखिए, जैसे की इश्क़ करके वो एहसान कर रहे है !! E 140 हो गई थी दिल को कुछ उम्मीद सी तुमसे, खैर तुमने जो किया अच्छा किया !! 131 काश मेरा घर तेरे दर के करीब होता, मिलना ना सही देखना तो नसीब होता !! 132 तुम्हे अपना कहने की तमन्ना थी दिल में, मगर लबों तक आते आते तुम गैर हो गए !! 133 मौत से इसलिए भी डरता हूँ की ऊपरवाले को क्या मुँह दिखाऊंगा, क्यूंकि यहाँ मैंने खुदा किसी और को माना था !! 134 अब और नहीं होती इश्क की गुलामी, यारो कह दो उसे, हो जाये जिसका होना है !! 135 बदल जाती हो तुम कुछ पल साथ बिताने के बाद, ये तुम मोहब्बत करती हो या नशा कोई !! 121 कोशिश के बावजूद भी जो पूरी न हो सके, तेरा नाम भी उन्ही ख्वाइशों में से है !! 122 कांच की तरह होते है गरीबों के दिल, कभी टूट जाते है तो कभी तोड़ दिए जाते है !! 123 कभी तो यकीन कर लो तुम मेरी मोहब्बत का, कहीं उमर न गुज़र जाये मुझे आज़माने में !! E 124 मेरी नाराज़गी तुमसे नहीं बल्कि तुम्हारे वक्त से है, जो तुम्हारे पास मेरे लिए नहीं है !! < 125 रहने दो अब तुम मुझे पढ ना सकोगे, बरसात में भीगे हुए कागज की तरह हूँ मैं !! 116 ना जाने क्यों रेत की तरह निकल जाते है हाथों से वो लोग, जिन्हें जिन्दगी समझ कर हम कभी खोना नही चाहते !! इतनी लंबी उम्र मत माँग मेरे लिए, 117 ऐसा ना हो की तुम भी छोड दो और मौत भी ना आऐ !! E 118 हमें भी आते है अंदाज़ दिल तोड़ने के, हर दिल में ख़ुदा बसता है यही सोचकर चुप हूँ !! 119 तुम्हारा हर अंदाज़ अच्छा है, सिवाय नज़र अंदाज़ करने के !! 120 हम जा रहे है वहां जहाँ दिल की क़दर हो, बैठे रहो तुम अपनी अदाएं लिए हुए !! 111 23 उसने देखा ही नहीं अपनी हथेली को कभी, उसमे हलकी सी लकीर मेरी भी थी !! 112 हजारों चेहरों में एक तुम ही थे जिस पर हम मर मिटे वरना, ना चाहतो की कमी थी और ना चाहने वालो की !! 113 प्यार करना तो सीख गए आप लेकिन, प्यार की कद्र करना नहीं सीखा आपने !! 114 आज मेरे साथ दो कदम चलकर थक गई हो तुम, जरा ये बता दो की ऐसे रिश्ते कितने दिन चलते है !! 115 बहुत महंगा हो गया है ये इश्क़ जनाब आजकल, अब उसे पहली मुलाकात में दिल नहीं तोहफे चाहिये !! 106 23 कुछ इसलिये भी नहीं करते हाल ए दिल बयां, समझता कोई नहीं और समझाता हर कोई है !! 107 सुना था की दर्द का एहसास तो अपनो को होता है, यहाँ तो दर्द ही अपने देते है तो एहसास कौन करेगा !! 108 यही सोचकर कोई सफाई नहीं दी हमने की, इल्जाम झूठे भले है, पर लगाये तो तुमने है !! 109 मोहब्बत ना थी तो एक बार समझाया तो होता, बेचारा दिल तुम्हारी खमोशी को इश्क समझ बैठा !! 110 उनको डर है की हम उन के लिए जान नही दे सकते, और मुझे खोफ़ है की वो रोएंगे बहुत मुझे आज़माने के बाद !! कुछ ना किया मगर वो दर्द बेहिसाब दे गये, 101 देखो ना ! मुझ अनपढ को मोहब्बत की किताब दे गये !! 102 तूने चुप रहकर और भी ढाया है सितम, तुझसे तो अच्छे है मेरे इस हाल पे हंसने वाले !! 103 कभी हक़ीक़त में भी बढ़ाया करो ताल्लुक़ हमसे, शायद फिर से जिन्दा हो जाय हम !! E 104 वो जब जब लड़खड़ाते है, वजूद मेरा डगमगाता है !! डरता हूँ कुछ कहने से, और रोज मरता हूँ, ना कहने से !! 105 96 23 वो अक्सर मुझसे पूछा करती थी की तुम मुझे कभी छोड़ कर तो नहीं जाओगे, काश मैंने भी पूछ लिया होता !! 97 उसूलों के तो हम भी बड़े पक्के थे, बस तेरे आगे ही दिल की एक ना चली !! 98 खुद ही करते है शिकवा खुद ही सुना करते है हम, पहले तो कहां करते थे वो और सुना करते थे हम !! 99 कोई इल्ज़ाम रह गया हैं तो वो भी दे दो, पहले भी बुरे थे हम, अब थोड़े और सही !! 100 ना चाहते हुए भी आ जाता है, लबो पर नाम तेरा, कभी तेरी तारीफों में तो कभी तेरी शिकायत में !! 91 23 इतना रोई मेरी मौत पे मुझे जगाने के लिए, मैं मरता ही क्यो अगर वो थोड़ा रो देती मुझे पाने के लिए !! 92 चले जायेंगे तुझे तेरे हाल पर छोड़कर, कदर क्या होती है ये तुझे वक़्त सिखाएगा !! 93 उफ़ ये तेरा अकसर मुजको भूल जाना, अगर दिल ना दिया होता तो जान ले लेता !! E 94 मेरा दिल यूँ ही पत्थर का ना बन गया होता, ये पिघल जाता जो तूने इसे छू लिया होता !! 95 तेरी मोहब्बत को कभी खेल नही समजा, वरना खेल तो इतने खेले है की कभी हारे नही !! 86 23 काश ऐसा कोई मंज़र होता, मेरे कांधे पे तेरा सर होता !! मुझे तेरे ये कच्चे रिश्ते जरा भी पसंद नहीं आते, 87 या तो लोहे की तरह जोड़ दे या फिर धागे की तरह तोड़ दे !! 88 मैंने गम के तबादले की अर्जी लगा रखी है, पता नहीं उसने कौन सी फ़ाइल में इसे दबा के रखी है !! 89 एक वो पगली है जो मुझे समजती ही नहीं, और यहाँ ज़माना मेरे स्टेटस को देखके दीवाना हुआ जा रहा है !! 90 तुम्हे गैरों से कब फुर्सत, हम अपने ग़म से कब ख़ाली, चलो बस हो चुका मिलना, न तुम ख़ाली न हम ख़ाली !! कुछ लोग आंसुओं की तरह होते है, 81 पता ही नहीं चलता की साथ दे रहे है या साथ छोड़ रहे है !! 82 वो जो मिली हमारी थी ही नहीं, और जो हमारी थी वो मिली ही नहीं !! 83 जरा सा छेद क्या हुआ जेब में, पैसो के साथ कुछ रिश्ते भी निकल गए !! E 84 झुठ बोलकर तो मैं भी दरिया पार कर जाता, मगर डूबो दिया मुझे सच बोलने की आदत ने !! बहुत रोऐगी तु एक दिन मेरे लिए, 85 और कहेगी एक पागल था जो पागल था सिर्फ मेरे लिए !! 76 23 उसे नहीं समझ आते लफ्ज मेरे, मुझसे जिसकी साँसे भी गुफ्तगू करती है !! 77 अफ़सोस होता है उस पल जब अपनी पसंद कोई ओर चुरा लेता है, ख्वाब हम देखते है और हक़ीक़त कोई और बना लेता है !! 78 जरा सा भी नही पिघलता दिल तेरा, इतना क़ीमती पत्थर कहाँ से ख़रीदा !! 79 मैं पसंद तो बहुत हूँ सब को, पर जब उनको मेरी ज़रुरत होती है तब !! 80 समझ कर काँच का टुकडा, तरांशा मुझको दुनियाँ ने, बना फिर भी नहीं, कंगन तेरी नाजुक कलाई का !! 71 भीड़ इतनी तो ना थी शहर के बाज़ारो में, मुझे खोने वाले तुने कुछ देर तो ढूँढा होता !! 72 वो कहते है हम कुछ लिखते नहीं, हम कहते है की, दिल में लिखा है जो कभी पढ़ने तुम आते ही नहीं !! 73 मुझे गरीब समझ कर महफिल से निकाल दिया, क्या चाँद की महफिल में सितारे नहीं होते !! 74 आ ही जाता है मेरे लबों पर तेरा नाम अक्सर, कभी तेरी तारीफ़ में, कभी तेरी शिकायत में !! 75 क्यों बहाने करते थे मुझसे रूठ जाने के, कह देते की दिल में जगह नहीं है तेरे लिए !! 66 23 लबों पे नाम है जिनका उन्हे कुछ भी खबर नहीं गजल में दर्द है जिनका उन्हे कुछ भी खबर नहीं !! 67 तेरी खामोशी अगर तेरी मजबुरी है, तो रहने दे इश्क कौन सा जरूरी है !! 68 काश मोहब्बत के भी इलैक्शन होते, हम भी कुछ खर्चा करके जीत लेते उसको !! 69 पसंद, मैंने भगवान से पुछा की क्यूँ तू हर बार छीन लेता है मेरी वो हंस कर बोला मुझे भी पसंद है तेरी हर पसंद !! 70 इतना कीमती ना कर खुद को... हम गरीब लोग है, महँगी चीजो को छोड़ देते है !! 61 बहोत अंदर तक जला देती है, वो शिकायतें जो बयाँ नहीं होती !! 62 नफ़रत हो जायेगी तुझे अपने ही किरदार से, अगर में तेरे ही अंदाज मे तुझसे बात करूं !! E तुजे भाव दीया क्यूंकि तुजसे मोहब्बत की थी, 63 वरना तेरी औकात मेरे साये के साथ चलने की भी नहीं थी !! 64 हर शख्स मुझे एक अख़बार समझकर, अपने मतलब की ख़बर काट लेता है !! 65 तुम मेरा प्यार हो या प्याज हो ? जब भी मिलते हो रुला देते हो !! 56 23 करता नहीं तुमसे ये दिल शिकायत मगर, कहना तो चाहता है की तुम अब वो नहीं रहे !! 57 भूल गए हमको, वो उनका अधिकार है, हम कैसे भूले, हमको तो उनसे प्यार है !! 58 नही हो सकती ये मोहब्ब्त तेरे सिवा किसी और से, बस इतनी सी बात को आप समझते क्यों नहीं !! E 59 आजकल प्यार की फसल भी उन्ही खेतों में दिखाई पड़ती है, जहाँ रोज पैसो की खाद डाली जाती है !! 60 थोडा इंतज़ार कर लेती पगली, वक्त खराब था हमारा दिल थोड़ी !! 51 23 महसूस कर रहे है तेरी लापरवाई कुछ दिनों से पर याद रखना, अगर हम बदल गये तो मनाना तेरे बस की बात नहीं !! 52 हमने चाहा ही उसे उतना की, उसे खूद पे गुरूर हो गया !! 53 मेरी ना रात कटती है और ना ज़िन्दगी, वो शख्स मेरे वक़्त को इतना धीमा कर गया !! देख लिया ना तूने इस बेदर्द वक़्त को, 54 तुझे मेरा बनाने में भी ना जाने कितना वक़्त लगेगा इस वक़्त को !! 55 किसे सुनाएँ अपने गम के चन्द पन्नों के किस्से, यहाँ तो हर शख्स भरी किताब लिए बैठा है !! मैने जो पुछा उनसे की यूँ बात बात पे रूलाते क्यूँ हो, 46 वो बड़े प्यार से बोली की मुझे बहता हुआ पानी बेहद पंसद है !! 47 ऊपर वाले ने कितने लोगो की तक़दीर सवारी है, काश वो एक बार मुझे भी कह दे की आज तेरी बारी है !! 48 अब मेरी जिंदगी की दुआ मांगते है लोग, जब मैंने जिंदगी को नजर से गिरा दिया !! 49 आ गया फरक उसकी नजरो में यकीनन, अब वो हमें खास अदांज से नजर अदांज करती है !! 50 तुम पुछो और मैं ना बताऊँ, अभी ऐसे हालात नहीं, बस एक छोटा सा दिल टुटा है, और कोई बात नहीं !! तू नाराज़ न रहा कर, तुझे वास्ता है खुदा का, 41 एक तेरा ही चेहरा खुश देखकर तो हम अपना गम भुलाते है !! 42 मेरी मोहब्बत की ना सही, मेरे सलिके की तो दाद दे, रोज़ तेरा ज़िक्र करता हूँ, बगैर तेरा नाम लिये !! 43 कभी फुर्सत मिले तो सोचना जरूर, एक लापरवाह लड़का क्यों तेरी परवाह करता था !! E 44 वो याद करेगी जिस दिन भी मेरी मोहब्बत को... रोएगी बहुत वो उस दिन, फिर मेरी होने के लिए !! 45 जाया करते थे, बचपन में तो फिर भी लुका छिप्पी में हम दोनों मिल जब से बड़े हुए है साले मिलते ही नहीं है !! 31 कल ही तो तौबा की मैंने शराब से, कम्बक्त मौसम आज फिर बेईमान हो गया !! 32 प्यार और मुहब्बत उस दौर की बात है दोस्त, जब मकान कच्चे और लोग सच्चे हुआ करते थे !! 33 काश की वो लौट के आयें मुझसे ये कहने, की तुम कौन होते हो मुझसे बिछड़ने वाले !! E वो बैगानो में अपने, हम अपनों में अंजान लगते है, 34 हमारे खून की कीमत नहीं और उनके अश्को के भी दाम लगते है !! हम कुछ ना कह सके उनसे इतने जज्बातो के बाद, 35 हम अजनबी के अजनबी ही रहे इतनी मुलाकातो के बाद !! 26 24 इतना आसान हूँ की हर किसीको समझ आ जाता हूँ, शायद तुमने ही पन्ने छोड़ छोड़ कर पढ़ा है मुझे !! E जिसे शिद्दत से चाहो वो मुद्दत से मिलता है, 27 बस मुद्दतों से मिला ही नहीं कोई शिद्दत से चाहने वाला !! E 28 मत कर इतना गुरुर खुद पर, हमने चाहना छोड़ दिया तो लोग पूछना भी छोड़ देंगे !! 29 बात-बात पर, हर बात पर, जुदाई की धमकी, तुमने तो मोहब्बत को बदमाशी बना रखी है !! 30 जुर्म में, मेरी बात सुन पगली अकेले हम ही शामिल नही है इस जब नजरे मिली थी तो मुस्कराई तू भी थी !! 31 कल ही तो तौबा की मैंने शराब से, कम्बक्त मौसम आज फिर बेईमान हो गया !! 32 प्यार और मुहब्बत उस दौर की बात है दोस्त, जब मकान कच्चे और लोग सच्चे हुआ करते थे !! 33 काश की वो लौट के आयें मुझसे ये कहने, की तुम कौन होते हो मुझसे बिछड़ने वाले !! E वो बैगानो में अपने, हम अपनों में अंजान लगते है, 34 हमारे खून की कीमत नहीं और उनके अश्को के भी दाम लगते है !! हम कुछ ना कह सके उनसे इतने जज्बातो के बाद, 35 हम अजनबी के अजनबी ही रहे इतनी मुलाकातो के बाद !! 26 24 इतना आसान हूँ की हर किसीको समझ आ जाता हूँ, शायद तुमने ही पन्ने छोड़ छोड़ कर पढ़ा है मुझे !! E जिसे शिद्दत से चाहो वो मुद्दत से मिलता है, 27 बस मुद्दतों से मिला ही नहीं कोई शिद्दत से चाहने वाला !! E 28 मत कर इतना गुरुर खुद पर, हमने चाहना छोड़ दिया तो लोग पूछना भी छोड़ देंगे !! 29 बात-बात पर, हर बात पर, जुदाई की धमकी, तुमने तो मोहब्बत को बदमाशी बना रखी है !! 30 जुर्म में, मेरी बात सुन पगली अकेले हम ही शामिल नही है इस जब नजरे मिली थी तो मुस्कराई तू भी थी !! 16 इश्क की शुरुआत होने वाली थी, और कॉलेज का आखरी दिन था !! 17 मैं चरागो की भला कैसे हिफाज़त करती, वक़्त तो सूरज को भी हर रोज़ बुझा देता है !! 18 लहू से गहराती तेरी मुस्कान है ज़ालिम, लहूलुहान मेरा दिल है पर फिर भी तेरे काबिल नहीं !! E 19 मेरे हालात को देखकर तुम अब यूँ रास्ता न बदलो, मैं दिल का बादशाह हूँ, मुक़द्दर तो खुदा के हाथ में है !! 20 काश मोहब्बत भी मौत की तरह होती... सबको एक बार मिलती तो सही !! 6 तेरी पहचान भी न खो जाए कही, इतने चेहरे ना बदल थोड़ी सी शोहरत के लिए !! 7 काश वो आये और देखकर ये कहे मुझसे, हम मर गये है क्या जो इतने उदास रहते हो !! E 8 तकलीफ ये नहीं की किस्मत ने मुझे धोखा दिया, मेरा यकीन तुम पर था, किस्मत पर नहीं !! 9 एक बूँद पानी भी न निकला उन आँखों से हमारे जाने के बाद, तमाम उम्र जिन आँखों को हम झील कहते रहे !! 10 फुलो पे सबकी नजर है, कांटो से कौन मोहब्बत करेगा, यह दुनिया तुम जैसे अमीरो की है, हम गरीबो से कौन मोहब्बत करेगा !! काश् इंसान भी नोटों की तरह होते, 1 रोशनी की तरफ करके देख लेते की असली है या नकली !! 2 बचपन से लेकर आज तक सिर्फ अच्छे काम ही किये है, बस गलती से इश्क हो गया !! 3 फुर्सत मिले तो कभी बैठ कर सोचना, तुम भी मेरे अपने हो या सिर्फ हम ही तुम्हारे है !! 4 लडकी तो बहुत सी पट जाती है, जिसको दिलसे चाहा है, वही नखरे दिखाती है !! 5 प्यार तो मैं अपने आप से करता था, खामखाँ तुम क्यू बिच में आ गए ?